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महिला के फर्जी बैंक खाते से 37 करोड़ का लेनदेन, नोटिस मिला तो उड़े होश

 

हजारीबाग। महिला के नाम पर फर्जी खाता खोलकर करीब 37 करोड़ रूपये का लेन-देन एक्सिस बैंक, हजारीबाग की शाखा में किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।

महिला को इतने बड़े लेन-देन की जानकारी तब मिली जब आयकर विभाग ने उन्हें न केवल नोटिस भेजा बल्कि पूरे दस्तावेज के साथ विभाग के कार्यालय में पहुंचने का निर्देश दिया। हालांकि यह मामला वर्ष 2014 का है। इस मामले में महिला की ओर से सदर थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, लेकिन पूरा मामला प्राथमिकी दर्ज करने एवं आयकर नोटिस जारी करने तक सिमटकर रह गया है।

इस मामले में पुलिस अब तक आगे नहीं बढ़ पाई है। इस मामले में संबंधित व्यक्ति, बैंक अधिकारी और आयकर अधिकारी की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। मामले के तह तक जाने पर कई खुलासे संभव है। गौरतलब है कि बरही के शिवाजी कॉलोनी निवासी किरण कुमारी को हजारीबाग स्थित आयकर अधिकारी आरपी सिंह ने नोटिस जारी किया है।

नोटिस में कहा गया है कि किरण कुमारी के एक्सिस बैंक हजारीबाग में खोले गए चालू खाता संख्या 910020013305558 में 2010-11 में 15 करोड़ 4 लाख 2011-12 में 15 करोड़ 21 लाख एवं 2012-13 में 7 करोड़ 55 लाख का लेन-देन किया गया। इसके बाद आयकर विभाग ने महिला से बैंक स्टेटमेंट की प्रति, भरे गए आयकर रिटर्न की प्रति, खाते की ऑडिट रिपोर्ट एवं व्यवसाय के प्रकार तथा आय के स्रोत की जानकारी मांगी।

आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद किरण कुमारी एवं उनके पति विवेक कुमार के होश उड़ गए। आयकर विभाग के कार्यालय पहुंचने पर आयकर अधिकारी आर के चौधरी ने एक्सिस बैंक में खाता खोलने का फॉर्म एवं संबंधित दस्तावेज दिखाया।

किरण कुमारी द्वारा सदर थाना को दिए गए आवेदन में कहा गया कि गलत तरीके से उनका नाम एवं पैन कार्ड नंबर का उपयोग किया गया है। इतना ही पैन कार्ड पर उनका फोटो नहीं है। खाते में जिस पता और फोटो का उपयोग किया गया है, वह भी उनका नहीं है। आवेदन में कहा गया कि बैंक में खोले गए खाते के लिए पहचान का कार्य तत्कालीन बैंक मैनेजर एवं बैंक कर्मी बिपीन कुमार सिंह ने किया है। उन्होंने इस मामले में बैंक मैनेजर व बैंक कर्मी की मिलीभगत की संभावना जताते हुए फर्जी खाता खोलने एवं उसमें अनधिकृत रूप में बड़ी राशि का लेन-देन करने का आरोप लगाया है। 2014 में इस संबंध में कांड संख्या 307/14 दर्ज किया गया है। करीब दो साल गुजर जाने के बाद भी इस मामले में पुलिसिया चुप्पी समझ से परे है।

इस संबंध में रांची स्थित आयकर विभाग के उपनिदेशक अनुसंधान मयंक मिश्रा ने दूरभाष पर पत्रकारों से कहा कि मामले की जांच की जा रही है। चूंकि सारा लेनदेन आरटीजीएस से हुआ है। इसलिए जांच के बाद पूरी रिपोर्ट से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।