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सावधान, कोई आपकी निजी लाइफ में झांक रहा है!


ग्वालियर। आप अपने बैडरूम हों या फिर छत पर। आप यह सोचकर बेफिक्र होंगे कि इस ऊंचाई पर कोई आपको नहीं देख सकता, मगर आपका यह सोचना गलत हो सकता है। आसमान में ऊंचाई पर उड़ते ड्रोन की नजर में आपकी प्राइवेसी भी है।देश के तमाम बड़े महानगरों की भांति ग्वालियर में भी ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है। पुलिस व प्रशासनिक अफसर कहते हैं कि ड्रोन को उड़ाने से पहले इसकी प्रशासनिक अनुमति आवश्यक है। लेकिन देखने में आ रहा है कि बिना अनुमति के ही अवैध तरीके से ड्रोन को यहां-वहां उड़ाया जा रहा है। आमतौर पर शादी, सार्वजनिक कार्यों में वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। ड्रोन कैमरे 900 मीटर ऊंचाई तक उड़¸ सकते हंै और आसमान से किसी भी एंगल से अपने लक्ष्य के फोटो खीच सकते हैं, ऐसा हो भी रहा है।

हालांकि अभी ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आया जिसमें ड्रोन कैमरे ने किसी की निजी जिन्दगी में ताक-झांक की हो, लेकिन भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा, यह दावे से कहा नहीं जा सकता। यह भी संभव है कि गुपचुप तरीके से ड्रोन कैमरे से किसी लक्ष्य की वीडियोग्राफी हो रही हो और इसका पता नहीं चल पा रहा हो।

उदाहरण के लिए परिवार के सदस्य अपने शयन कक्ष में बैठे हैं, कमरे के दरवाजे खुले हैं तो ड्रोन कैमरा बाहर से इस परिवार के बिलकुल स्पष्ट फोटो ले सकता है। ड्रोन कैमरा ऑपरेट करने वाले की मंशा क्या है यह जानना जरूरी है।

ग्वालियर में सेना व एयरफोर्स के कई कार्यालय हैं, प्रशिक्षण केन्द्र हैं, उच्च न्यायालय है, दूरदर्शन व आकाशवाणी के केन्द्र हैं। इनकी वीडियोग्राफी फोटोग्राफी प्रतिबंधित है। आसमान से ड्रोन कैमरे इन संवेेदनशील केन्द्रों पर मंडरा रहे हों तो यहां के कई फोटो व वीडियो गलत हाथों में पहुंच सकते हैं।

दुखद आश्चर्य यह है कि ड्रोन कैमरे बहुतायत में इस्तेमाल होने के बावजूद पुलिस व प्रशासन के अफसर इनके मालिकों (फोटो स्टुडियों मालिकों) से पूछताछ नहीं कर रहे हैं कि आप ने इनके इस्तेमाल की अनुमति ली है या नहीं। आज जरूरत इस बात की है कि ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी एजेंसियां ही करें।