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हारे अखिलेश बोले, राहुल से दोस्ती रहेगी बरकरार

 

लखनऊ। विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) की करारी हार स्वीकार करते हुए भाजपा को जीत की बधाई दी है।

वहीं उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती के ईवीएम को लेकर उठाये सवाल पर कहा कि उस पर मैं भी जांच करवाने की कोशिश करूंगा। बूथ लेवल पर इसको जानने की कोशिश करूंगा।

ईवीएम के मामले पर सरकार को सोचना चाहिए अखिलेश यादव ने राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने से पहले सरकारी आवास पर प्रेस कान्फ्रेंस में कांग्रेस से पार्टी के गठबन्धन को भी सही ठहराया।

उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, दो युवा नेता साथ आये, आगे भी जारी रहेगा। मैं जनता को उनके निर्णय पर बधाई देता हूँ। यही लोकतंत्र में होता है।

उन्होंने हार की जिम्मेदारी को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि समीक्षा किए बिना हार की जिम्मेदारी कैसे ले सकता हूं। मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हूं, पहले हार की समीक्षा करूंगा फिर जिम्मेदारी की बात।

उन्होंने कहा कि मैं जिलों में सबसे ज्यादा मीटिंग करता था। शायद लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया। शायद जनता इससे भी अच्छा काम चाहती है। कभी-कभी समझाने से नहीं, बहकाने से वोट मिलता है। कभी-कभी गरीब को पता नहीं होता वह क्या चाहता है।

उन्होंने कहा कि सभाओं में भीड़ तो बहुत आई लेकिन नतीजों से हम हैरान हैं। वहीं भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को बताना चाहिए कि लूट व डकैती के मामले में कौन सा प्रदेश सबसे आगे है देखते हैं पहली कैबिनेट बैठक में किसानों का कर्ज़ माफ़ करने पर फैसला होता है।

उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के किसानों का क़र्ज़ होता है तो लगता है कि पूरे देश के किसानों का कर्ज़ माफ़ हो जायेगा। वह बुलेट ट्रेन चलायेंगे। 16 सौ करोड़ कर्ज माफ किया था।और आगे भी कर्ज माफ हो जाएगा तो अच्छा है।

उन्होंने कहा, सिलिंडर तो मिला, लेकिन सिलिंडर महंगा हो गया। वहीं अमित शाह पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंस तो लेते हो, दूसरे तो हंसने भी नहीं देते।

अखिलेश ने कहा कि हमें उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष काम करने का मौका मिला है। मुझे लगता है कि आगे आने वाले समय में मेरी सरकार आएगी जो इस समाजवादी सरकार से भी अच्छा काम करेगी। सड़के बनवाएंगी। हमें प्रदेश में पांच वर्ष काम करने का मौका मिला। हम लोकतंत्र में जनता के निर्णय को स्वीकार करते हैं। मुझे अब फिर लगता है आगे आने वाले समय में मेरी सरकार आएगी।

उन्होंने शिवपाल यादव द्वारा समाजवादियों की नहीं घमण्डियों की हार बताने वाले बयान को लेकर कहा कि चाचा ने शायद किसी और की परछाई के घमण्ड की बात कही होगी। शायद किसी और के बारे में बात कर रहे होंगे। मेरे व्यवहार को तो आप जानते हो।