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अब नहीं छल पाएंगे ‘परदेसी’ पति


एनआरआई पतियों के फर्जीवाड़े रोकेगा विदेश मंत्रालय  
नई दिल्ली। एनआरआई लड़कों की शादी को लेकर होने वाले फर्जीवाड़े और एनआरआई पतियों द्वारा छोड़ दी गई महिलाओं के हक के लिए विदेश मंत्रालय एक विशेष मुहिम छेडऩे की तैयारी कर रहा है। मुहिम के लिए प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय ने अभिभावकों को जागरुक करने के लिए बाकायदा एक कार्ययोजना तैयार की है।
विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता विकास स्वरुप ने बताया कि एनआरआई लड़कों के शादी में होने वाले फर्जीवाड़े को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज काफी गंभीर हैं। उन्होंने ठोस कदम उठाने के लिए निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने एनआरआई लड़कों द्वारा शादी करने के बाद छोड़ दी गई महिलाओं के अधिकारों के लिए भी प्रयास शुरू करने के कहा है।

हाल ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पंजाब में एक शादी के दौरान एक ऐसे मामले का पता चला था, जहां विदेश में स्वयं को बड़ा ट्रांसपोर्टर बताने वाले दो युवक, वास्तव में एक विदेशी ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करने वाले मजदूर निकले। मामला सामने आने के बाद विदेश मंत्री स्वराज ने प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों को भारतीय लोगों को, खासकर शादी योग्य लड़कियों के अभिभावकों को जागरुक करने के मसले को उठाकर ठोस कदम उठाने के लिए कहा।

अब इस सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार करके मंत्रालय एक सटीक और ऐसी मुहिम शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिससे शादी में होने वाले फर्जीवाड़े को रोक जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक कानूनी तौर पर विदेश मंत्रालय किसी परिवार को ऐसी शादी करने से रोक नहीं सकता, लेकिन अपनी बेटियों के लिए एनआरआई लड़के तलाशने वाले अभिभावकों को जागरुक जरूर किए जा सकता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ पंजाब राज्य में तकरीबन 14 हजार ऐसे मामले सामने हैं, जिनमें एनआरआई लड़कों ने शादी के कुछ समय बाद अपनी पत्नी को भारत में ही छोड़ दिया। छोड़ी गयी पत्नियों में कई मां भी बन गईं। ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या को लेकर राज्य सरकार के साथ ही विदेश मंत्रालय चिंता में है। स्वयंसेवी संगठनों का दावा है कि राज्य और केंद्र सरकार ऐसे मामलों को सामने नहीं आने देती है और सिर्फ पंजाब में मामलों की संख्या सरकारी आकड़ों से कई गुना ज्यादा है।