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राजस्थान पुलिस ने एमपी में दिखाया बदमाशों जैसा स्टाइल !

श्योपुर। मंदिर में दर्शन करने आए एक व्यापारी को कोटा, राजस्थान के अन्तर्गत आने वाले अनन्तपुरा थाने के छह पुलिसकर्मियों ने फिल्मी अंदाज में खींचकर गाड़ी में डाल लिया। वर्दी में नहीं होने के कारण यह नजारा देख रहे लोगों ने इसे अपहरण समझा और स्थानीय पुलिस को जानकारी दी। इस पर एमपी पुलिस ने राजस्थान पुलिस का ही पीछा शुरू कर दिया। दरअसल, राजस्थान पुलिस स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना ही नियम विरुद्ध तरीके से आइडिया कंपनी और पारले बिस्किट के व्यापारी मोहनलाल अग्रवाल को पकड़ कर ले गई ।

राजस्थान पुलिस द्वारा जिस तरीके से व्यापारी को पकड़ा गया उसे स्थानीय पुलिस ने काफी देर तक अपहरण माना और व्यापारी को रिहा करवाने के लिए रवाना हो गए। लेकिन करीब एक घंटे बाद पता चला कि जिन व्यक्तियों द्वारा व्यापारी को पकड़ा गया है, वह कोटा के अनन्तपुरा थाने के पुलिसकर्मी हैं और व्यापारी के खिलाफ चल रहे केस के सिलसिले में उन्हें पकड़कर ले गए।

यह है व्यापारी पर आरोप

शहर के जय श्री पैलेस के पीछे निवास करने वाले व्यापारी मोहनलाल अग्रवाल के परिजनों ने बताया कि कुछ समय पहले धनिया खरीदी के मामले को लेकर परिवार के ही एक सदस्य के लिए उन्होंने मौखिक रूप से यह कह दिया था कि उक्त व्यक्ति का पैसा आ जाएगा, इस बात की वे गारंटी देते हैं। इस मामले में उनके खिलाफ धारा 420, 168 के तहत मामला चल रहा था, जिसके चलते राजस्थान पुलिस ने उन्हें रामतलाई हनुमान मंदिर से पकड़ा।

इसलिए मची अफरा-तफरी

 जिस व्यापारी मोहनलाल अग्रवाल को पुलिस ने शहर के बीच से अचानक उठाया। उसी व्यापारी के भाई नरेश अग्रवाल को गत 19 मई 2013 को दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। व्यापारी को अचानक गाड़ी में खींचकर ले जाने से लोगों के मन में वहीं घटनाक्रम फिर से दोहराने की आशंका उतपन्न हो गई और पूरे शहर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया।

विधायक बोले, गलत है राजस्थान पुलिस का तरीका

भाजपा विधायक दुर्गालाल विजय ने व्यापारी को इस तरह से पकड़ कर ले जाने पर नाराजगी व्यक्त की है, उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस को तरीका बिल्कुल गलत था। यदि उन्हें किसी को पकड़कर ले जाना था, तो पहले इसकी सूचना स्थानीय पुुलिस को देनी चाहिए थी। राजस्थान पुलिस ने नियम विरुद्ध तरीके से कार्य किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोटा एसपी सहित कलेक्टर से बात की गई है जो भी पुलिस की टीम यहां आई थी, उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।