News NAZAR Hindi News

इंसाफ अली के पास 2 हजार करोड़ की अवैध सम्पत्ति, ईडी से जांच कराओ

गहलोत गुट का पायलट गुट पर पलटवार

अजमेर कांग्रेस में आया ‘बिपरजॉय’

 

पूर्व राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ
न्यूज नजर डॉट कॉम
अजमेर। कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर खुद एक टीचर रही, उसका पति मामूली पीटीआई रहा, लेकिन आज इंसाफ अली 2 हजार करोड़ की अवैध सम्पत्ति का मालिक है। ईडी, एसीबी जैसी एजेंसियों को इसकी जांच करनी चाहिए।
यह सनसनीखेज आरोप किसी बीजेपी नेता ने नहीं बल्कि कांग्रेस नेता एवं अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाते रामचन्द्र चौधरी व डॉ. श्रीगोपाल बाहेती।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौधरी ने खुलेआम कहा कि नसीम ने अपने पिछले कार्यकाल में पुष्कर में जमकर जमीनों पर कब्जे किए हैं। इनकी जांच होनी चाहिए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत गुट के पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, डॉ. राजकुमार जयपाल व पूर्व जिला प्रमुख रामस्वरूप चौधरी ने भी पायलट गुट के इंसाफ दम्पती पर गम्भीर आरोप लगाते हुए प्रदेश नेतृत्व से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह है मामला

दो दिन पहले रीट सभागर में महात्मा गांधी दर्शन समिति की कार्यशाला चल रही थी। उसमें गहलोत गुट के नेता सहित एसडीएम और विकास अधिकारी भी मौजूद थे। तभी इंसाफ अली, नसीम और उनके बेटे सहित कुछ लोगों के वहां आए और डॉ. बाहेती समेत अन्य नेताओं से दुर्व्यवहार किया। एसडीएम और बीडीओ को धमकाया। उनका आरोप था कि दौराई में चल रहे महंगाई राहत शिविर में नहीं जाकर ये अधिकारी यहां कार्यशाला में नेताओं की जी-हुजूरी कर रहे हैं। इंसाफ अली के हंगामे के कारण कार्यशाला बंद करनी पड़ी। इसे लेकर बीडीओ विजय सिंह चौहान ने इंसाफ, नसीम एवं उनके बेटे सहित 15-20 लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज कराया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते इंसाफ अली, महेन्द्र सिंह रलावता व हेमंत भाटी।
इसके जवाब में शुक्रवार को इंसाफ अली ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ अजमेर में रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने गहलोत के खास सिपहसालार आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ और उनके भाई को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें खुली चुनौती दी। प्रदर्शन में उनके साथ गहलोत गुट के महेन्द्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी आदि भी साथ थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। इस गुट के जवाब में आज गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस की अंतर्कलह पर मोहर लगा दी है।

ईडी को मिल गया न्यौता

चौधरी के इन आरोपों ने खुद ईडी को न्यौता दे दिया है। इससे पहले हर मौके पर कांग्रेस नेता बीजेपी पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं। इस बार खुद कांग्रेस नेता ने ही कांग्रेस नेता के खिलाफ ही ईडी से जांच की मांग उठाकर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है।

दोनों गुट परस्पर हमलावर

 राज्य की अशोक गहलोत को निपटाने के लिए इस बार खुद कांग्रेस नेताओं ने ही सुपारी उठा ली है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेस नेताओं के गुट एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर मैदान में आ डटे हैं। प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री गहलोत और उनके घुर प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट में खुलेआम तकरार चल रही है तो जिला स्तर पर उनके गुट के नेताओं में तलवारें खिंच रही हैं। ताजा मामला भी उसी की कड़ी है।

टिकटों की लड़ाई

गहलोत के खासमखास धर्मेन्द्र राठौड़ पहले पुष्कर से चुनाव लड़ना चाहते थे। जबकि पुष्कर से टिकट के लिए नसीम दावा कर रही हैं। वह यहां से एक बार जीतकर राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं। इसके बाद चुनाव हार गईं। डॉ. बाहेती भी पुष्कर से टिकट की आस में थे। वे भी अजमेर उत्तर से चुनाव हार गए थे। राठौड़ ने पुष्कर से चुनाव लड़ने की मंशा जताकर नसीम से पंगा ले लिया। नसीम एवं उनके पति इंसाफ अली पायलट गुट के हैं।
पुष्कर में अपनी स्थिति खराब होने से आशंकित राठौड़ ने अजमेर उत्तर से चुनाव लड़ने का मानस बनाया तो पायलट गुट के रलावता की त्योरियां चढ़ गई। रलावता खुद अजमेर उत्तर से चुनाव हार चुके हैं और एक बार फिर मैदान में उतरना चाहते हैं। अजमेर दक्षिण से चुनाव हार चुके हेमंत भाटी भी पायलट गुट से है और फिर टिकट चाहते हैं।
उधर, पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल राठौड़ के जरिए अजमेर दक्षिण से टिकट चाहते हैं। भोलेभाले डॉ. बाहेती ने राठौड़ के लिए अजमेर उत्तर की सीट हंसते-हंसते छोड़ दी है। लेकिन रलावता इस सीट पर राठौड़ को किसी भी कीमत पर कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने देंगे, ऐसा उन्हें अपने आका सचिन पायलट पर विश्वास है। जबकि राठौड़ ने तो बकायदा खुद को अजमेर उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी बताकर निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों से घर-घर सर्वे भी शुरू करा दिया है। रोचक बात यह है कि सूत न कपास, जुलाहों में लठम-लट्ठा चल रहा है।