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राजपूत आरक्षण की मांग ने उड़ाई वसुंधरा सरकार की नींद

जोधपुर। आरक्षण की मांग को लेकर 9 मार्च को राजपूत समाज श्री करणी सेना के नेतृत्व में राजस्थान विधानसभा का घेराव करने जा रहा है। राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार की नींद एक बार फिर उड़ी हुई है। यह नींद सोशल मीडिया पर श्री राजपूत करणी सेना की ओर से शेयर की जा रही तस्वीरें और पोस्टर हैं। सोशल मीडिया पर विधानसभा को घेरने और आरक्षण के लिए आंदोलन से जुड़े इन तस्वीरों और पोस्टर्स को भारी समर्थन मिल रहा है। विधानसभा के घेराव के लिए 29 फरवरी से करणी सेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे है। संस्थापक लोकेंद्रसिंह कालवी शहर-शहर गांव-गांव जाकर राजपूत समाज को जयपुर पहुंचकर आंदोलन में शामिल होने के पीले चावल बांट कर न्योता दे रहे हैं। वे जोधपुर भी आये थे और राजपूत समाज को घेराव में शामिल होने का न्यौता दे कर गये हैं।
गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बाद जाट आरक्षण आंदोलन से दो चार होने वाली वसुधरा राजे सरकार को अब राजपूत आरक्षण आंदोलन से रूबरू होना पड़ेगा। करणी सेना की माने तो खास बात ये है कि इसमें सरकार के 15 विधायक भी शामिल होंगे। करणी सेना के अनुसार राज्य सरकार 14 प्रतिशत आर्थिक आधार पर आरक्षण का बिल लाकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। इसी लिहाज से करणी सेना राजपूत समाज के साथ अन्य जातियों जिन्हें आरक्षण से वंचित रखा गया है को शामिल कर रही है
सोशल मीडिया पर 9 मार्च को विधानसभा घेराव को लेकर कई स्लोगन, पोस्टर शेयर किए जा रह हैं। इनमें 9 मार्च विधानसभा घेराव, भीख नहीं अधिकार है, जोगा न ही जग पूछे, ना जोगा न कुण पूछे, हम खत्म करेंगे आरक्षण, आजादी आरक्षण से आजादी, अगर अब भी नहीं बोलेंगे तो कब बोलेंगे, विधानसभा घेराव 9 मार्च और आगाज क्रांति का, अबकी बार हो अंतिम बार आदि नारे शामिल हैं।