सन्तोष खाचरियावास @ अजमेर
हजारों करोड़ रुपए का कारोबार करने वाली देश की सरकारी पेट्रोलियम कम्पनियां अपने ग्राहकों की जान के प्रति बेपरवाह बनी हुई है। ज्यादातर पेट्रोल पम्पों पर नोजल के हौज पाइप सड़-गल चुके हैं। जिनसे कभी भी पेट्रोल लीक होकर ग्राहक को पेट्रोल से भिगो सकते हैं और भीषण अग्निकांड हो सकता है।
अजमेर शहर में गत दिनों इंडियन ऑयल के कोको पम्प पर दुपहिया वाहन में पेट्रोल भरवाते समय एक ग्राहक पर पेट्रोल गिरने और इससे पूरा भीग जाने का सनसनीखेज मामला सामने आ चुका है। ग्राहक ने पुलिस को रिपोर्ट दी और पुलिस सीसीटीवी फुटेज जब्त कर चुकी है। इसके अलावा ग्राहक ने कम्पनी को भी लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।
इस घटना के बाद भी तेल कम्पनियों ने ना तो कोई सबक लिया और ना ही अपने पम्पों पर ग्राहकों की सुरक्षा पुख्ता करने के सम्बंध में कोई कदम उठाया है।
ज्यादातर पेट्रोल पम्पों पर हालात ये हैं कि जिन नोजल से तेजी से पेट्रोल बाहर आता है, उनके हौज पाइप सड़-गल चुके हैं। खासकर नोजल के पास से ही हौज पाइप क्षतिग्रस्त हैं। डिस्पेंसर यूनिट में एक बार कमांड देने के बाद भूमिगत टैंकों से निर्धारित मात्रा में तेजी से पेट्रोल-डीजल निकलता है। हौज पाइप के भीतर पेट्रोल-डीजल का प्रेशर भी बेहद तेज होता है। ग्राहक के वाहन में तेल डालते समय कभी हौज पाइप फटने से पूरा पेट्रोल-डीजल ग्राहकों एवं उनके वाहन पर फैलेगा। ऐसे में किसी कारण से एक भी चिंगारी लगने पर ग्राहक और उनके वाहन समेत पूरा पम्प भीषण अग्निकांड की चपेट में आ सकता है।
मामूली नहीं गम्भीर लापरवाही
कहने को यह मामूली ढिलाई है लेकिन यही ढिलाई पलभर में बड़े अग्निकांड की वजह बनने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सेल्स ऑफिसर नहीं करते सुनवाई, डीलर परेशान
सरकारी तेल कम्पनियों ने अपने पम्पों पर बिक्री बढ़ाने और अपनी कमाई बढ़ाने के लिए मोटी तनख्वाह पर सेल्स ऑफिसरों की फौज लगा रखी है। एक-एक सेल्स ऑफिसर के अंडर में दर्जनों पेट्रोल पम्प हैं। ये सेल्स ऑफिसर कम्पनी की तरफ से ग्राहक और डीलर के बीच सेतु का कार्य भी करते हैं। पम्प पर ग्राहकों को हवा, प्योरिफाय पेयजल, टॉयलेट, टेलीफोन आदि पूर्वनिर्धारित सेवाएं निःशुल्क मिल रही हैं या नहीं, पम्प पर सेल्समैन का बर्ताव ग्राहकों के प्रति नरम एवं सभ्य है या नहीं, पम्प पर सुरक्षा बंदोबस्त चाक चौबंद हैं या नहीं, इन सबकी जांच करना सेल्स ऑफिसर का ही प्रथम दायित्व है। इसके बावजूद इन्हीं के स्तर पर गम्भीर लापरवाही बरती जा रही है।
डीलर्स की भी नहीं सुनवाई
पेट्रोल पम्प क्षतिग्रस्त हौज पाइपों को लेकर खुद पम्प संचालक भी चिंतित हैं। वे बेहतर वाकिफ हैं कि सड़े-गले हौज पाइपों की वजह से उनके ग्राहकों एवं पम्पकर्मियों की जान हर पल खतरे में हैं और उनका पम्प भी भीषण अग्निकांड की चपेट में आ सकता है। लिहाजा कुछ पम्प संचालकों ने अपने सेल्स ऑफिसर को ई-मेल आदि के जरिए मैसेज भेजकर हौज पाइप तुरन्त बदलवाने का आग्रह भी कर रखा है, ताकि पम्प पर कोई हादसा होने पर वे डिफॉल्टर साबित न हों। उधर, सम्बंधित सेल्स ऑफिसर डिमांड मिलने के बावजूद जर्जर हौज पाइप बदलवाने में बिल्कुल रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जो वाकई हैरानी की बात है।
जिला प्रशासन भी बेपरवाह
पेट्रोल पम्पों पर हादसा होने के बाद ही जिला प्रशासन की नींद टूटती है, उससे पहले कोई भी पम्पों की सुरक्षा व्यवस्था जांचने की जहमत नहीं उठाता है। अलबत्ता शिकायत मिलने पर कभी-कभार जिला रसद अधिकारी कोई एक्शन ले लेता है। गत दिनों अजमेर शहर में रसद विभाग ने शिकायत पर एक पम्प पर डीयू बंद कराया था।
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