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इस बाघिन ने कमाकर दिए थे 67 करोड़ रुपए


सवाई माधोपुर। दुनियाभर में मशहूर बाघिन मछली ने पिछले दस साल में रणथम्भौर अभयारण्य को करीब 67 करोड़ रुपए कमाकर दिए थे। उसे देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक आते थे। उसके चेहरे पर मछली जैसा निशान था। इस कारण वह मछली के नाम से विख्यात हुई।

एक बार वह मगरमच्छ से भिड़ गई तो उसका नाम क्रोकोडाइल किलर भी पड़ गया। अब बीमारी के कारण बाघिन टी-16 की मौत हो चुकी है। वन विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम कराकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। मछली दुनिया की सबसे उम्रदराज बाघिन रही। आमतौर पर बाघिन की उम्र 14-15 साल होती है जबकि मछली 19 साल तक जीवित रही। भारत सरकार ने उस पर डाक टिकट भी जारी किया था। मछली की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की कई फेमस मैगजीन के कवर पेज पर उसके फोटो छप चुके हैं। उस पर कई डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बन चुकी हैं।