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एक तरफ राजस्थान गौरव यात्रा, दूसरी तरफ बेटी का शव मोटरसाइकिल पर ढोने की मजबूरी

अलवर। अलवर में शुक्रवार को इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई जिसमें पैसे की तंगी के चलते एक बाप अपनी बेटी का शव मोटरसाइकिल पर घर लाने को मजबूर हो गया। एक तरफ राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान गौरव यात्रा निकाल रही हैं तो दूसरी तरफ मजबूर पिता को बेटी की लाश मोटरसाइकिल पर ढोनी पड़ रही है। अस्पतालों में शव घर ले जाने के लिए मुफ्त वाहन की व्यवस्था तक नहीं है।

अलवर जिले के बडौदा मेव थाना क्षेत्र के नसोपुर गांव के सुखविंदर की चार वर्षीय बेटी के पानी की कुंडी में डूबने के बाद अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल लाया गया था जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो जाने के बाद शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस संचालकों ने शव घर तक पहुंचाने के लिए एक हजार रुपए मांगे।

सुखविंदर के पास एक हजार रुपए नहीं होने के कारण एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई और वह अपनी बेटी का शव अस्पताल से 22 किलोमीटर दूर स्थित अपने घर के लिए मोटरसाइकिल से लेकर रवाना हो गया।

इस दौरान उसकी मदद के लिए आगे तो कोई नहीं आया लेकिन यह देखकर लोग शर्मसार हो गए। उधर बड़ौदामेव थाने के एएसआई तेज सिंह ने बताया कि बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने पंचनामा कराया था लेकिन परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया था। इसके बाद परिजन शव को कैसे ले गए हैं इसकी काेई जानकारी नहीं है।

राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ भगवान सहाय का कहना है कि अस्पताल में मौत के बाद शव को ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। परिजनों को खुद के स्तर पर ही व्यवस्था करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि इस मामले में उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया।