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ऐरवाल समाज की 40 साल से नहीं हो रही सुनवाई


मुख्य सचेतक गुर्जर को दिया ज्ञापन
नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। अनुसूचित जाति सूची में चमार शब्द के पर्यायवाची के रूप में ऐरवाल शब्द शामिल करने की मांग लेकर पिछले 40 सालों से गुहार लगा रहे चमार/ऐरवाल समाज ने भीलवाड़ा में मुख्य सचेतक राजस्थान सरकार कालू लाल गुर्जर को ज्ञापन दिया।


ऐरवाल महासभा के जिला अध्यक्ष धनराज ऐरवाल मंगरोप, युवा जिला अध्यक्ष जीवन ऐरवाल कालूखेड़ा माण्डल व युवा जिला उपाध्यक्ष शिव लाल ऐरवाल माण्डल (जोगणिया रेस्टोरेंट) के नेतृत्व में समाजबंधुओं ने ज्ञापन सौंपा। जीवन ऐरवाल ने मुख्य सचेतक गुर्जर को बताया कि उनके समाज को 40 वर्षों से केवल आश्वासन ही मिलता आया है । उनका समाज आरक्षण सूची में किसी प्रकार के बदलाव की मांग नहीं कर रहा है, केवल चमार शब्द के पर्यायवाची के रूप में ऐरवाल शब्द को मान्यता देने की मांग कर रहा है।


शिव लाल ने बताया कि समाजबंधु जिला प्रभारी मंत्री एवं महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल को ज्ञापन देने आए थे। मगर भदेल अचानक मांडलगढ़ चली गईं। इस पर मुख्य सचेतक गुर्जर को ज्ञापन दिया गया।
मंदिर विकास पर चर्चा 15 सितम्बर को
युवा अध्यक्ष जीवन ऐरवाल ने बताया कि अगले महीने 15 सितम्बर को राजस्थान के पवित्र स्थल त्रिवेणी नदी पर समाज के निर्माणधीन मंदिर को लेकर चर्चा की जाएगी। यह बैठक शाम से पूरी रात चलेगी। जीवन ने बताया कि बैठक में भीलवाड़ा जिले की सभी तहसीलों में महासभा अध्यक्ष बनाने पर भी चर्चा की जाएगी।