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गरीब नवाज की दरगाह के खादिम ने फिर लेडी पुलिस को पीटा


नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। अगर आप देश-दुनिया में मशहूर गरीब नवाज की दरगाह में हाजिरी देने आ रहे हैं तो सावधान! दरगाह में आपको ‘अदब’ से रहना होगा। कहीं ऐसा ना हो कि कोई खादिम आप पर टूट पड़े। बच्चों-महिलाओं यहां तक कि बुजुर्गों को भी लात-घूंसों का तर्बरूक खाना पड़ जाए। आम जायरीन की क्या बिसात जब खुद महिला पुलिसकर्मी ही यहां सुरक्षित नहीं हैं। दरगाह के पास एक बार फिर लेडी कांस्टेबल से खादिम व उसके साथियों ने खुलेआम छेड़छाड़ की। विरोध करने पर सबके सामने थप्पड़ बरसा दिए। पीडि़ता ने दरगाह थाने में मामला दर्ज कराया है।
दरअसल दरगाह में आम जायरीन और पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ और मारपीट का यह पहला मामला नहीं है। यहां लंबे समय से आए दिन ऐसी वारदातें हो रही हैं। कुछ खादिम बिला वजह किसी भी जायरीन पर हाथ साफ करने से नहीं चूकते हैं। खादिमों की भीड़ के आगे जायरीन का विरोध बेअसर होता है। दरगाह में ‘बेअदबी’ का आरोप लगाते हुए खादिम किसी पर भी हाथ छोडऩे में एक पल नहीं लगाते। सबसे बुरा हाल उर्स के दौरान होता है। दरगाह के निजाम गेट पर ड्यूटी दे रही महिला कांस्टेबलों से छेड़छाड़, फब्तियां कसना और विरोध करने पर पिटाई कर देने के कई मामले सामने आ चुके हैं। जायरीन के साथ मारपीट की घटनाएं भी घट चुकी हैं।


यह हुआ शुक्रवार को
दरगाह थाने के सीआई मानवेन्द्र सिंह के मुताबिक जुमे की नमाज के मद्देनजर दरगाह के पास ड्यूटी पर तैनात महिला कांस्टेबल से खादिम नसीम मिस्टर ने छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। लेडी कांस्टेबल ने विरोध जताया तो खादिम ने उसके तीन-चार थप्पड़ जड़ दिए। उसके कुछ साथियों ने भी बदसलूकी की। इसी बीच इत्तला मिलने पर पुलिस जाप्ता पहुंचा तो आरोपी वहां से भाग गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ राजकार्य में बाधा, छेड़छाड़ व मारपीट का मामला दर्ज किया है।
ड्यूटी से कतराने लगी पुलिस
आलम यह है कि दरगाह में ड्यूटी के लिए पुलिसकर्मी कतराने लगे हैं। उन्हें हर समय यह डर लगा रहता है कि कहीं उन पर अनर्गल आरोप लगाकर माहौल खराब न कर दिया जाए। लेडी कांस्टेबल को छेड़छाड़ का डर रहता है।


कौम के संजीदा लोगों को उठाना होगा कदम
दरगाह में देश-विदेश से अमीर-गरीब सभी तरह के जायरीन आते हैं। बात-बेबात पर जायरीन के साथ मारपीट, बदसलूकी आदि घटनाओं से अजमेर के नाम को बट्टा लग रहा है। हाल ही कुछ खादिमों के खिलाफ जायरीन से बलात्कार के मामले तक दर्ज हो चुके हैं। अजमेर का बहुचर्चित ब्लैकमेल कांड हो या फिर हेरोइन तस्करी, सट्टे का कारोबार हो या फिर दूसरे अपराध। कई खादिमों का इनमें नाम आ चुका है। यह सही है कि अपराधी का कोई धर्म या जात नहीं होती। लेकिन जब किसी जाति-कौम का नाम अकीदत के साथ जुड़ा होता है तो उस कौम के संजीदा लोगों को ऐसे अपराधी तत्वों पर नकेल कसने में आगे आना चाहिए।
प्रशासन क्यों मजबूर?
दरगाह व इसके आसपास का इलाका अति संवेदनशील है। इसी के मद्देनजर प्रशासन हद से ज्यादा ऐहतियात और सहनशीलता बरतने को मजबूर रहता है।