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नामदेव बंधुओं ने लिया गौ पालन और पंचगव्य अपनाने का संकल्प


नंदगांव में जुटे गौभक्त नामदेव बंधु
सिरोही। गले में केसरिया दुपट्टा धारण कर गौमाता के जयकारे लगाते नामदेव समाजबंधु। संतों का सान्निध्य और गौमाता का पूजन। इसी माहौल के बीच 31 जनवरी को सिरोही जिले की रेवदर तहसील स्थित नंदगांव में गौभक्ति समागम हुआ। दूरदराज से आए नामदेव बंधुओं ने संत नामदेव की शिक्षाओं के अनुरूप गौ संरक्षण का संकल्प लिया।


स्वतंत्र भारत में गौभक्तों के बलिदान के 50 वें (सन् 1990) वर्ष की पूर्व संध्या पर मथमेड़ा गौधाम महातीर्थ की ओर से देशभर में पहली बार संतों के सान्निध्य में गौकृपा महोत्सव मनाया जाएगा। इसी उपलक्ष्य में नंदगांव में यह समागम आयोजित किया गया।
अखिल भारतीय सर्व नामदेव गौ सेवा समिति की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में चित्तौडग़ढ़ के संत शीतल बाबा महाराज ने सृष्टि की उत्पत्ति और पालन में गौ माता के योगदान से अवगत कराते हुए सभी को गौ सेवा का संकल्प दिलाया। स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के आशीर्वचन से प्रेरित होकर समाजबंधुओं ने घर-घर गौ पालन और पंचगव्य अपनाने का संकल्प लिया।


पथमेड़ा गौ धाम महातीर्थ के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूनम राजपुरोहित ने बताया कि श्री गोपाल गौवद्र्धन गौशाला के पूर्व अध्यक्ष सूरत निवासी जगदीश परिहार ने गौभक्तों का स्वागत करते हुए वर्तमान में गौ संरक्षण की महत्ती आवश्यकता बताई।
पृथ्वीमेड़ा पंचगव्य उत्पाद प्रा.लि. के निदेशक श्याम सुंदर औदिच्य ने कार्यक्रम की जानकारी दी। वरिष्ठ ट्रस्टी भीलवाड़ा निवासी रामेश्वर छीपा ने स्वागत भाषण दिया।
इन्होंने भी किया संबोधित
श्रीनामदेव समाज सेवा समिति मेवाड़ के संरक्षक कैलाशचंद बूला, बारसाधाम के सीताराम टांक, फलौदी के पूर्व चेयरमैन अगरचंद भाटी, मूलचंद गहलोत, विष्णु टांक जोधपुर, राजेश परिहार जोधपुर, बालकिशन देवड़ा पाली, ओमप्रकाश सणेचा गुढ़ा, सत्यनारायण परिहार जोधपुर, मीठालाल परागिया आहोर, विमला भाटी पाली आदि ने गौ भक्ति की महत्ता बताई और सभी गौ पालन का आग्रह किया।
गूंजी संत नामदेव की शिक्षा
गौ भक्ति समागम में संत नामदेव की शिक्षाएं गूंजीं। वक्ताओं ने नामदेव जी द्वारा गाय को जीवित करने की घटना का वर्णन किया। संत नामदेव जी का कहना था कि जैसे नदी का पानी, सूरज की रोशनी, चांद की शीतलता और पेड़ के फल किसी का धर्म नहीं देखकर सभी को समान रूप से तृप्त करते हैं, वैसे ही गौ माता किसी का धर्म नहीं देखकर सभी को समान रूप से अमृत देती है। इसी का जिक्र करते हुए गौभक्त एवं समाजसेवी जगदीश परिहार ने कहा कि जब गाय माता अपना दूध देने में किसी से भेदभाव नहीं करती है तो फिर गाय को समुदाय के हिसाब से बांटना गलत है। गाय सभी का पालन करती है इसलिए सभी को गाय का पालन करते हुए पुण्य का भागी बनना चाहिए।
गौकृपा महोत्सव की कड़ी में आयोजन
गौभक्ति समागम का आयोजन 8 अपे्रल से 16 अपे्रल तक मनाए जाने वाले गौकृपा महोत्सव के तहत किया गया।