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घर में घुसे ब्लैक कोबरा को महिला ने गले में डालकर कहा- मेरा मरा हुआ बेटा लौट आया

कोटा. राजस्थान के कोटा में एक घर में ब्लैक कोबरा घुस गया. जब घर के लोग सांप की ओर दौड़े तो एक बुजुर्ग महिला ने सांप को यह कहकर बचा लिया कि ये उसका मरा हुआ बेटा है, जो सांप के रूप में लौट आया है. इसके बाद दो दिन तक सांप महिला के आसपास ही घूमता रहा. महिला उसे उठाकर कभी गले में डाल लेती रही, तो कभी पकड़कर दुलार करती रही. दो दिन बाद उस सांप की मौत हो गई. इसके बाद घर के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया. घटना को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, यह मामला कोटा के सांगोद कस्बे के पास गांव रसकपुरिया का है. बुजुर्ग महिला बादाम बाई ने बताया कि घर पर सांप आया तो सब इधर-उधर भागने लगे. इसी दौरान मैं वहां पहुंची और मैंने सांप को हाथ जोड़कर विनती कर कहा कि आप चले जाएं, हमें डराएं नहीं.

इसके बाद वह मेरी तरफ आने लगा तो मैंने झोली बिछा दी और कहा कि अगर मेरा ही बेटा है तो आकर मेरी झोली में खेल. इसके बाद मैंने दूध मंगवाया, वह मेरी झोली में बैठकर दूध भी पिया. इसके बाद मैं जहां भी जाऊं, वह मेरे पीछे-पीछे आता रहा. इसके बाद वह झाड़ियों में चला गया. आज पड़ोस के लोग भी आए. उन्होंने हाथ जोड़े कि हमें भी दर्शन दे दो तो उनको भी झाड़ियों में से मुंह निकालकर दर्शन दिया.

महिला ने बताया कि दूसरे दिन फिर से सांप आया. वह खेत के पास बैठा था. मेरे देवर के लड़के ने उसे दूध पिलाया और कहा कि तू मेरा भाई है. वहां मैंने अपने कंधे पर बैठाकर उसे लेकर आई और कहा कि तू मेरा ही बेटा है तो घर चल, तुझे चबूतरे पर बैठाती हूं. चबूतरे से उतरकर नीचे आ गया तो मैंने अपना साल उतार कर उसके लिए बिछाया, उस पर बैठ गया.

 

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सुबह से लेकर दोपहर 1 बजे तक चबूतरे पर ही बैठा रहा और जब सभी ने फोटो वीडियो बनाकर इधर-उधर भेज दिए तो यहां लोगों की भीड़ जुटने लगी. इसके बाद उसकी मृत्यु हो गई. हम सब ने उसका दाह संस्कार कर दिया है.

महिला के बेटे राजूलाल बैरवा ने बताया कि बुधवार सुबह घर के अंदर काला सांप नजर आया. डर की वजह से उसे मारने की कोशिश की तो मां बादाम बाई (65) ने रोक दिया. मां ने सांप के हाथ जोड़कर कहा कि परिवार का कोई देवता है तो रुक नहीं तो घर से बाहर चला जा. जब सांप नहीं हिला तो मां सांप के पास बैठ गईं. उन्होंने दोबारा पूछा कि मेरा बेटा है तो गोद में आकर बैठ जा. इसके बाद सांप मां की गोद में बैठ गया.

राजूलाल ने बताया कि करीब 15 साल पहले बड़े भाई हंसराज की 24 की आयु में पार्वती नदी में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई थी. परिजन इस सांप को हंसराज का पुनर्जन्म मान रहे थे. हालांकि मंगलवार शाम सांप की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने खेत में सांप का दाह संस्कार कर दिया. जब आसपास के गांवों में यह खबर फैली तो लोगों का जमावड़ा लग गया. इस मामले का वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा