News NAZAR Hindi News

सावधान ! बारिश में अपनी गाड़ियों में पेट्रोल भरवाया तो हो सकती है मुसीबत

सन्तोष खाचरियावास
अजमेर। अगर आप भी बरसात के दिनों में अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरा रहे हैं तो सावधान रहें। हो सकता है आपकी कार, बाइक या स्कूटर के फ्यूल टैंक में पेट्रोल के साथ पानी चला जाए, या फिर आपके टैंक में पहले से मौजूद पेट्रोल ही पानी बन जाए। चौंकिए मत! मोदी है तो सब मुमकिन है। अजमेर सहित देशभर में ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
अजमेर के वैशाली नगर में इंडियन ऑयल के श्रीश्याम बालाजी फिलिंग पम्प पर पिछले दिनों एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल के टैंक में पानी घुसने की शिकायत मिली। कार में पेट्रोल भरवाने वाले ग्राहकों ने पानी भरने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। खुद पम्प संचालक मनीष वैश्य ने कबूला कि पास ही बरसाती नाला ओवरफ्लो हो गया है। हो सकता है उनके टैंक में भी पानी चला गया हो। उनका जवाब था-मेरी क्या गलती है?

यह है पेट्रोल-पानी का फंडा

 मोदी सरकार ने एबीपी पॉलिसी के तहत सरकारी तेल कम्पनियों के लिए पेट्रोल के साथ 12 फीसदी एथोनॉल मिलाकर बेचने की बाध्यता लागू कर रखी है। (जबकि निजी कम्पनियों को प्योर पेट्रोल बेचने की इजाजत दे रखी है। इनके हजारों पेट्रोल पम्पों पर रोजाना करोड़ों लीटर शुद्ध पेट्रोल बेचा जा रहा है)
बारिश के दिनों में आपने कई टू व्हीलर की पेट्रोल टंकी में पानी घुसने की समस्या देखी होगी। लोग मैकेनिकों के यहां अपनी गाड़ी ठीक कराते नजर आते हैं। लोग समझ नहीं पाते कि आखिरकार टंकी में पानी आया कहां से। कई वाहन चालक पेट्रोल पम्प संचालकों से झगड़ पड़ते हैं। रोज-रोज के झगड़ों से बचने के लिए पम्प संचालकों ने अपने यहां सूचना बोर्ड लगा रखे हैं जिनमें वाहन चालकों को फ्यूल टंकी को पानी से बचाने और समय-समय पर फ्यूल टंकी खाली कराकर सफाई कराने की सलाह दी गई है।
दरअसल, एथोनॉल पानी में घुलनशील है। फ्यूल टंकी में जरा सा भी पानी या मॉइश्चर होने पर पूरा 12 प्रतिशत एथोनॉल पानी बन जाता है और गाड़ी चलते-चलते बंद हो जाती है।

पेट्रोल पम्प संचालक भी परेशान

एथोनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल के कारण पम्प संचालक भी परेशान हैं। कई बार उनके टैंक में भरा पेट्रोल भी पानी के सम्पर्क में आने के कारण खराब हो जाता है। एथोनॉल पानी में तब्दील हो जाता है। उन्हें टर्मिनल से विशेष गाड़ी मंगवाकर टैंक की सफाई करानी पड़ती है। लाखों रुपए का पेट्रोल बर्बाद होता है सो अलग। ग्राहकी बंद करनी पड़ती है। गत दिनों एचपीसीएल के कुछ पम्पों पर ऐसा हो भी चुका है। बारिश के दिनों में यह समस्या ज्यादा पेश आती है। इससे बचने के लिए कई प्रभावशाली पम्प संचालक टर्मिनल प्रशासन से मिलीभगत कर अपने यहां प्योर पेट्रोल की सप्लाई मंगवाते हैं। इससे उनके ग्राहक भी खुश रहते हैं।
इसलिए आप भी सावधानी बरतें। किसी भी सूरत में फ्यूल टैंक में एक बूंद भी पानी नहीं जाने दें, वरना पेट्रोल में मिला 12 प्रतिशत एथोनॉल पानी में तब्दील हो जाएगा और आपकी गाड़ी दगा दे देगी।

यह है ईबीपी पॉलिसी

देश में पेट्रोल का आयात कम करने के लिए उसमें 12 फीसदी एथोनॉल मिलाकर एथोनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) बेचा जा रहा है। जल्द ही यह मात्रा 20 फीसदी की जा रही है। सरकार यह कहकर वाहवाही लूट रही है कि इससे विदेशों से पेट्रोल पर निर्भरता कम होने के साथ ही गन्ना किसानों को लाभ पहुंच रहा है। पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है।