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सॉरी, हेलमेट नहीं तो एंट्री भी नहीं, अजमेर पुलिस को सूझा अचूक आइडिया


अजमेर। दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य है लेकिन प्रेस, पुलिस, पॉलिटिकल पर्सन, एडवोकेट, डॉक्टर और अन्य कई लोग हेलमेट नहीं लगा रहे हैं। बेचारी पुलिस अपनी मुख्य ड्यूटी भूलकर अफसरों के कहने पर चालान काट रही है। चौराहों पर चौकीदार-होमगार्ड की तरह पुलिस वाले बिना हेलमेट वालों के पीछे दौड़कर वर्दी की हंसी उड़वा रहे हैं, खैर…।

अब बिना हेलमेट पहने लोगों पर दबाव बनाने के लिए पुलिस ने अचूक तरीका अपनाया है। इसकी शुरुआत कलेक्ट्रेट से की गई है। यहां दुपहिया वाहन पर सवार हर उस शख्स को मुख्य गेट पर रोका जा रहा था जो हेलमेट नहीं पहने हुए थे। पुलिसकर्मी ऐसे वाहन चालकों बडी ही विनम्रता से रोकते और उन्हें कहते की बिना हेलमेट अंदर जाना मना है। प्लीज हेलमेट लगाईए फिर वाहन लेकर परिसर में प्रवेश करें।

समझाइश का यह सिलसिला असरकार भी साबित होता नजर आया। हां, वे दुपहिया वाहन चालक जरूर परेशान नजर आए जिनके पास हेलमेट था ही नहीं। ऐसे वाहन चालकों को भीतर जाने से मना नहीं किया गया पर हिदायत दी गई कि अगली बार ध्यान रखें।

बता दें कि अजमेर कलेक्ट्रेट परिसर में कई सरकारी कार्यालय होने से हर दिन हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना बना रहता है। इनमें सरकारी कर्मचारियों से अलावा कई दुपहिया वाहन के जरिए आते हैं। कलेक्ट्रेट परिसर में यह प्रयोग असरकार साबित होगा। क्योंकि दुपहिया वाहन से कलेक्ट्रेट आने वाला हर शख्स घर से निकलते समय ही हेलमेट ध्यान रखेगा।

इस नई रणनीति के पीछे अजमेर के पुलिस कप्तान का दिमाग माना जा रहा है। यातायात पुलिस की काफी मशक्कत के बाद भी अजमेर में हेलमेट पहनने के प्रति दुपहिया वाहन चालक गंभीर नहीं ​हो रहे थे। ऐसे में सरकारी कार्यालय परिसर में बिना हेलमेट प्रवेश करने वाले दुपहिया चालकों को गेट पर ही रोकने का फार्मूला असरकार होता दिख रहा है।

अजमेर कलेक्ट्रेट परिसर जैसा प्रयोग अगर सभी सरकारी कार्यालयों और आवासीय कॉलोनियों में अपनाया जाए तो जल्द ही स्मार्ट सिटी में सडक निकलने वाले सभी दुपहिया वाहन चालक हेलमेट पहने नजर आएंगे। इससे कानून का पालन भी होगा और जीवन सुरक्षा भी हो सकेगी।