News NAZAR Hindi News

VIDEO : बयान की आग : अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल का उदघाटन नहीं कर पाए नसीरुद्दीन शाह

अजमेर। भारतीय जनता युवा मोर्चा, विश्व हिन्दू परिषद तथा अन्य हिन्दूवादी संगठनों के मोर्चा खोलने तथा विरोध प्रदर्शन के चलते अभिनेता नसीरुद्दीन शाह शुक्रवार को अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल का उदघाटन नहीं कर सके।

दोपहर करीब डेढ बजे से ही बडी संख्या में शाह का विरोध करने के लिए आयोजन स्थल पर जमावडा होने लगा। प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की तथा बीच सडक पर टायर फूंका। आक्रोशित लोगों ने फेस्टिवल स्थल के बाहर लगे होर्डिंग्स भी फाड डाले।

देखें वीडियो

पुलिस की मौजूदगी को धता बताते हुए कार्यक्रम पांडाल तक पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने आयोजकों को चेतावनी दी कि यदि शाह को उदघाटन नहीं करने दिया जाएगा। इसके बाद आयोजकों ने भरोसा दिलाया कि शाह को नहीं बुलाया जा रहा है।

यह है विवाद की जड़

 अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के एक बयान ने देशभर में फिर से एक नई बहस को जन्म दे दिया है। शाह ने कहा है कि मैं अपने बच्चों के लिए चिंतित महसूस करता हूँ क्योंकि कल अगर भीड़ उन्हें घेर लेती है और पूछता है, क्या तुम हिन्दू हो या मुसलमान? उनका कोई जवाब नहीं होगा, जहर तो समाज में ही फैल चुका है। कानून को अपने हाथों में ले जाने वालों के लिए पूरी सजा है। हमने पहले ही देखा है कि एक गाय की मौत आज के भारत में एक पुलिस अधिकारी की तुलना में अधिक महत्व है।

कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद हिंसा भड़क गई थी।इस हिंसा के दौरान किसी ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई।

शाह द्वारा दिए गए बयान पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो रही है। कई राजनीतिक दलों ने शा​​ह के बयान को देशविरोधी करार दिया है। कुछ उनके बयान को पाकिस्तान परस्ती से जोडकर देख रहे हैं। इसी के चलते अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल में उनके आने की जानकारी मिलते ही भाजयुमो, विहिप तथा अन्य हिन्दूवादी संगठन लामबंद हो गए। विरोध के चलते शाह आयोजन स्थल पर नहीं पहुंचे।

गौरतलब है कि शुक्रवार अपराह्न दो बजे मूलचंद चौहान पटेल इंदौर स्टेडियम में अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल का विधिवत आगाज हुआ। अन्य अतिथियों ने उदघाटन की रस्म अदायगी की। 23 दिसम्बर तक चलने वाले इस साहित्योत्सव का उद्घाटन मशहूर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह को करना था। लिटरेरी सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय साहित्यिक महाकुंभ में लेखक, विचारक, पत्रकार और बुद्धिजीवी साहित्य, सिनेमा, पत्रकारिता सहित कई मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे।