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महुआ की शराब नहीं बल्कि लडडू खाकर बनाइये सेहत

जगदलपुर। महुआ से देशी शराब बनती है, यह तो सभी जानते हैं। और शराब सेहत के लिए हानिकारक है यह भी सभी मो मालूम है। अब यह महुआ सेहत भी बनाने लगा है, यह हम आज आपको बताते हैं। जी हां, महुआ की शराब की बजाय आप इसके लड्डू खाइये और सेहत बनाइये।

अभी तक महुआ का प्रयोग अवैध शराब बनाने में होता था लेकिन कामानार की 21 वर्षीय संतोषी यादव महुआ के लड्डू बनाकर अपने साथ गांव की दस महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी बदलने में जुटी हुई है। महुए का लड्डू सेहत के लिए फायदेमंद है।

लड्डू बनाने महुए में काजू, किसमिस, शक्कर, लौंग-इलायची का मिश्रण बनाकर एक विशेष तकनीक से लड्डू बनाया जाता है। बाहर से यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी महुआ का लड्डू आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

शहर में यह लालबाग स्थित आमचो बस्तर हरिहर बाजार में उपलब्ध है इसके अलावा इसे बस्तर बाजार और आसना पार्क में भी आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।

कामानार में रहने वाली 21 वर्षीय संतोषी यादव ने कुछ समय पहले आसाना के स्व सहायता समूह के काम को देखने गई। वहीं उसने महिलाओं को इमली सहित अन्य वनोपज का उपयोग करते देखा।

उसे देख यही से महुआ लड्डू का आइडिया मिला गांव लौटकर उसने दस महिलाओं को साथ जोडक़र काम की शुरुआत कर दी। कामानार की महिलाए महुआ लड्डू बनाने के लिए किसी प्रकार के केमिकल का उपयोग नहीं करती है।

समूह से जुड़ी महिलाएं बताती है महुआ,काजू,किसमिस व अन्य मिश्रण को कुटने के लिए भी मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता है।

इसे खलबते में कूटकर मिश्रण तैयार किया जाता है फिर लकड़ी के चूल्हे पर इसे पकाया जाता है। पैकिंग से लेकर हर काम हाथ से ही किया जा रहा है।

महुआ लडूडू की कीमत भी सामान्य लडूडू की तरह ही है। छोटे-छोटे आकर के दो लडूडू के दाम दस रूपए रखे गए हैं।

इसकी पैकेजिंग भी सामान्य है फिर भी यहां लोगों के बीच में काफी लोकप्रिय हो रही हैं। जो भी इस लडूडू को एक बार खा रहा है वो इसे लेने के लिए दोबारा आ रहा हैं।

मालूम हो कि बस्तर अपनी आदिवासी संस्कृति और वनोपज के लिए देश सहित दुनिया में प्रसिद्ध हैं। यहां की इमली व महुआ वनोपज आदिवासियों के आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करती हैं।

क्या होता है महुआ, जानने के लिए क्लिक करें

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