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सामूहिक विवाह में शादी कीजिए मगर दुरुपयोग रोकिए…


नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। नामदेव समाज में सामूहिक विवाह आयोजन का चलन जोरों पर है। जगह-जगह आयोजन होने लगे हैं। नि:संदेह यह सामाजिक जागृति और विकास का प्रतीक है। विवाह सम्मेलन कई परिवारों की जरूरत भी है।

मगर इसका दुरुपयोग भी शुरू हो चुका है। समाज में कई लोग ऐसे हैं जो अपने बेटे-बेटी की शादी तो सम्मेलन में करते हैं मगर घर पर रिसेप्शन और बिंदौरी पर लाखों रुपए खर्च करने में पीछे नहीं रहते हैं। वे केवल दिखावा करने और विवाह व्यवस्थाओं की समस्याओं से बचने के लिए केवल फेरे खाने सम्मेलन में आते हैं जबकि बाकी तमाम रस्में व लेनदेन घर पर करते हैं। ऐसे लोगों से समाजबंधुओं को सावधान रहने की जरूरत है। विवाह सम्मेलन की सफलता भी तभी संभव है जब ऐसे अवसरवादी लोगों को इस आयेाजन से दूर रखा जाए ताकि समाज के पैसों का सही सदुपयोग हो सके।
आमतौर पर देखा जाता है कि जरूरतमंद परिवार भी घर पर खर्चा करने में पीछे नहीं रहते हैं। महंगी निमंत्रण पत्र छपवाना, रिसेप्शन देना, ठाठ-बाट से बिंदौरी निकालना आदि में लाखों रुपए खर्च करते हैं जबकि महज फेरे लेने विवाह सम्मेलन में आते हैं। लोगों की यह मानसिकता बदलनी होगी, तभी विवाह सम्मेलन की सार्थकता सिद्ध होगी।
विवाह सम्मेलन आयोजित करने का प्रयोजन समाज के जरूरतमंद परिवारों की मदद करने के साथ ही सभी में समानता का भाव उत्पन्न करना होता है। अमीर-गरीब सभी समान रूप से शामिल होते हैं। आडम्बर और दिखावे को मिटाने व फिजूल खर्च पर रोक लगाने के लिए ऐसे आयोजन किए जाते हैं। लोगों को भी चाहिए कि विवाह सम्मेलन की मर्यादा कायम रखते हुए इसी के अनुरूप चलें। ना कि घर पर दिखावे के लिए रुपयों को पानी की तरह बहाएं।
-छगन बी.छीपा, पुणे