अजमेर। बचपन से जिस बेटी को कलेजे से लगाकर पाला, उसे बाबुल भला अकेला कैसे छोड़ सकता था। दिमागी रूप से बच्ची अपनी जवान बेटी का गम बाबुल को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था। आखिरकार बेबस बाबुल ने एक कड़ा कदम उठाया। उसने पहले अपनी लाडो को इस दुनिया …
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