अपने अधिकारों से उत्पात मचाता हुआ और दायित्वों से बचता व्यक्ति सर्वत्र हर क्षेत्रों पर जब मर्यादा से भी आगे बढकर अतिक्रमण करने लग जाता है तो ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति इंसानी हरकत नहीं शैतानी हरकतों पर उतर गया है। वह अपने भूतकाल के हर अवगुणों को सजाता …
Read More »माघ मास के गुप्त नवरात्रा पर विशेष : सोना की झारी गंगा जल पानी
न्यूज नजर : हे जगत जननी मातेश्वरी! हम सब यह जानते हुए भी कि ये जगत नश्वर है और केवल एक तू ही अविनाशी है। यह सृष्टि तेरी माया के अधीन है और जिसे हम पालनहार कहते हैं वह भी तेरी निद्रा के बस में होकर बेबस हो जाता है। हे …
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