मृत्युभोज सामाजिक बुराई होने के साथ ही पिछड़ेपन की निशानी भी है। कोई भी समाज तब तक विकसित नहीं कहला सकता जब तक वह पुरातन कुरीतियां का बोझ ढो रहा है। अगर नामदेव समाज को भी पिछड़ेपन का दाग मिटाना है तो सबसे पहले मृत्युभोज जैसी कुप्रथा को मिटाना होगा। …
Read More »यहां होती है मरने के बाद भी बच्चों की शादी!
हरिद्वार। परम्परा या फिर अंधविश्वास। एक ऐसा समुदाय जो मौत के बाद भी बेटे-बेटियों की शादी करता है। यह समुदाय है नट। मीरपुर-मोहनपुर गांव के रामेश्वर ने अठारह साल पहले मरी अपनी बेटी की शादी हरिद्वार के गाधारोना गांव निवासी तेजपाल के मृत बेटे के साथ हिन्दू रीति-रिवाज से करवाई। …
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