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हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बने सांई बाबा मंदिर तथा सैय्यद बाबा की मजार


अलवर। हिन्दू-मुस्लिम धर्म के अनुयायी प्रत्येक गुरूवार को मालाखेड़ा कस्बा स्थित श्री सांई बाबा एवं सैय्यद बाबा की मजार पर आकर पूजा-अर्चना कर घर-परिवार व देश में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लेते है। प्रत्येक गुरूवार को यहां भण्डारे का आयोजन कर भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है तथा मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु भक्त पीर बाबा के चादर-पोशी करवाने बड़ी संख्या में पहुंचते है। मानव जीवन को सफल बनाने के लिए धार्मिक आस्था से जुडे महिला-पुरूष नियमित रूप से पूजा-अर्चना करते है। वहीं मालाखेड़ा कस्बा स्थित श्री सांई मंदिर एवं सैय्यद पीर की मजार एक ही भवन में स्थित है। जहां हिन्दू-मुस्लिम के लोग भाईचारे के साथ बैठकर बाबा का गुणगान करते है। इस धार्मिक स्थल पर बडी संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से आकर बाबा की चादर-पोशी करवाते है तथा सांई बाबा के बूंदी-दाने व रेवडी का प्रसाद चढ़ाते है। दोनों धार्मिक स्थलों की पूजा-अर्चना करने वाले महंत राजेश कुमार ने बताया कि यह स्थल हिन्दू-मुस्लिम धर्म की एकता व भाईचारे का प्रतीक है। इस मजार व मंदिर में श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर आते है। प्रत्येक गुरूवार को यहां मेले जैसा माहौल रहता है।