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जानवरों के खाने लायक दाल जनता को बेच रहे व्यापारी

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भोपाल/रीवा। आप यह जानकर हैरान होंगे कि महंगे दामों पर आप-हम जो दाल खरीदकर ला रहे हैं, वह जानवरों को खिलाने लायक है। मुनाफे के लालच में कुछ व्यापारी इस दाल को पॉलिश कर महंगे दामों पर बेच रहे हैं। नकली दाल को पॉलिश करके आम जनता को बेचा जा रहा है। इससे लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

मध्यप्रदेश में पड़े छापों में मिलावटी दाल के गोरखधंधे का खुलासा हो चुका है। यह अलग बात है कि ऐसे व्यापारियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।

विगत दिनों प्रदेश सरकार ने दाल का स्टॉक तो निर्धारित कर दिया और साथ ही प्रशासन ने व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की मुहिम भी छेड़ दी, लेकिन मिलावटखोरों के खिलाफ शासन-प्रशासन की बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है और ना ही कहीं कोई आवाज तक नहीं उठाई जा रही है।

जिला नागरिक अधिकारी के नेतृत्व में गुरुवार को अमहिया स्थित गल्ला मंडी में व्यापारियों के यहां छापामार कार्रवाई की गई। इससे व्यापारियों में हड़कम्प मच गया और व्यापारी दुकानों को शटर गिराकर भाग खड़े हुए। इस दौरान लगभग आधा दर्जन दुकानों में कार्रवाई की गई।

छापामार कार्रवाई में पाया गया कि व्यापारी एक दुकान के लाइसेंस के नाम पर चार-चार दुकानें चला रहे हैं। इतना ही नहीं हद तो तब हो गई जब जानवरों के खिलाने वाली दाल को इंसानों को बेचा जा रहा था, वह भी बिना लाइसेंस के दुकानों पर। इसके साथ ही नकली दाल को पॉलिश कर उसे शहरवासियों को खिलाया जा रहा था।

उल्लेखनीय है कि जिले में लगातार बढ़ रहे दालों के दाम पर अधिकारियों की नजर गड़ चुकी थी तथा इसके लिए वह कई बार योजना बनाकर छापामार कार्रवाई करने की फिराक में रहे हैं लेकिन कई बार वह केवल औपचारिकता पूरा कर इतिश्री कर लेते थे। हालांकि आज भी ऐसा ही हुआ है केवल जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई तथा व्यापारियों के यहां पर दाल का न तो सैंपल लिया गया न ही दाल जप्त की गई। न ही स्टाक व गोडाऊन आदि का मिलान किया गया ।

अमहिया स्थित गुरूद्वारों में बेची जा रही अमान स्तर की दाल की शिकायत पर तकरीबन आधा दर्जन से अधिक अधिकारी दलबल के साथ पहुंचे तथा व्यापारियों के यहां बोरियों में रखी खुली दाल को अपने हाथों में लेकर उसे उछालते दिखे। कुछ अधिकारियों ने इसे मुंह में डालकर चबाया और मुंह बनाया। लगभग आधा दर्जन दुकानों में अधिकारियों ने दाल की जांच की।

फोन करने के बाद भी नहीं आए

कार्रवाई के दौरान खाद्य सहायक अधिकारी खाद्य स्वास्थ्य अधिकारी को मौके पर बुलाने के लिए फोन करते रहे लेकिन उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए वहां आने से मना कर दिया। उन्होंने फोन पर बताया कि वह इस समय काफी व्यस्त हैं इसलिए नहीं आ सकते हैं। उनके फोन पर मना कर देने से कई सवाल लोगों के मन में घर कर गए हैं कि क्या इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत तो नहीं है।
व्यापारियों ने की आवभगत

छापामार दल में शामिल अधिकारियों एवं कर्मचारियों की व्यापारियों ने दुकान के अंदर बैठाकर आवभगत की गई। इस दौरान व्यापारियों ने जांच दल के अधिकारियों का बारातियों की तरह स्वागत सत्कार किया।

खानापूर्ति के बाद लौटे

छापामार कार्रवाई के बाद दल केवल व्यापारियों के यहां खानापूर्ति कर वापस लौट गया। इस दौरान अधिकारियों ने व्यापारियों से लाइसेंस दिखाने की बात कही तो व्यापारी ने कहा कि लाइसेंस घर में है जबकि नियम के अनुसार लाइसेंस को दुकान में चस्पा होना चाहिए। अधिकारी ने जाते-जाते अगली बार लाइसेंस दिखाने की बात कही।

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