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सिंहस्थ महाकुम्भ की तीसरी अनुगूंज 23 से

Simhastha kumbh 2016 ujjain

उज्जैन में प्रतिभा खोज का राज्योत्सव और भक्ति संगीत सभाएं होंगी

उज्जैन। संस्कृति विभाग सिंहस्थ महाकुम्भ की बेला में सांस्कृतिक और सर्जनात्मक वातावरण निर्माण के लिए अनुगूंज के रूप में शहर को एक खूबसूरत और प्रभावी सांस्कृतिक आयोजन दे चुका है। इसकी तीसरी श्रृंखला अनुगूँज-3 का आयोजन 23 फरवरी से 25 फरवरी तक उज्जैन में किया जा रहा है। एकसाथ पांच मंचों पर राज्य स्तरीय कला प्रतियोगिताओं की खोज का उत्सव, गायन/वादन और नृत्य केन्द्रित गतिविधियां, 1500 से अधिक अलग-अलग अनुशासनों के कलाकारों की भागीदारी तथा देश की ख्यात लोकगायिकाओं श्रीमती तीजनबाई, श्रीमती संजो बघेल और श्रीमती मालिनी अवस्थी द्वारा भक्तिगायन किया जायेगा।

इस बार के अनुगूंज की विशेषता यह है कि इसमें देश की जानी मानी उन सुविख्यात महिला गायिकाओं की भागीदारी होने जा रही है, जो अपने कंठ से देश-दुनिया में हजारों श्रोताओं को सम्मोहित और प्रभावित किये रहने में सदैव सफल रही है। साथ ही इनकी प्रत्येक सांस्कृतिक प्रस्तुति अपने मूलभूत स्वभाव और पारम्परिकता के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ी रही हैं।

अनुगूंज-3 में इन कलाकारों की भागीदारी के माध्यम से शीर्ष महिला गायिकाओं का एक ऐसा सांझ उत्सव गढ़ने का प्रयत्न संस्कृति विभाग ने किया है, जिसकी स्मृतियाँ शहरवासियों को लम्बे समय तक बनी रहेंगी। 23 फरवरी को कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली कलाकार पद्मभूषण श्रीमती तीजन बाई अविभाजित मध्यप्रदेश और वर्तमान छत्तीसगढ़ की लोक गायिका हैं, जिन्होंने महान भारतीय आख्यान महाभारत के अनेक प्रसंगों को आंचलिक भाषा में गाया और उससे देश-दुनिया के श्रोता समाज को प्रभावित किया है।

इसी प्रकार 24 फरवरी को प्रस्तुति देने वाली कलाकार संजो बघेल वर्षभर अनुष्ठानिक पर्वों और भारतीय परम्परा के नवरात्रि जैसे त्योहारों में निरन्तर बिना थके घंटों हजारों श्रोताओं के समक्ष गायन करती हैं, जागरण करती हैं। इसी माध्यम से वे गांव-गांव में जानी जाती हैं। इनकी इसी ख्याति को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश शासन ने उनसे सिंहस्थ के मूल और समकक्ष आख्यानों का लम्बा गायन विशेष रूप से देश-दुनिया से महाकुम्भ में उज्जैन आने वाले लोगों के लिए करवाया है। इस महती कार्य के साथ वे अपनी पहली सबसे अहम प्रस्तुति उज्जैन में देने आ रही हैं।

इसी तरह 25 फरवरी को श्रीमती मालिनी अवस्थी का भक्ति गायन एवं लोक संगीत अनुगूंज को उच्चतर आकर्षण प्रदान करेगा। उन्हें हाल ही में पद्मश्री प्रदान किये जाने की घोषणा हुई है। श्रीमती मालिनी अवस्थी महान गायिका विदूषी गिरीजा देवी की परमशिष्या हैं। उन्होंने अपनी गुरुमां के शिक्षा एवं संस्कार को संगीत में अपने नैसर्गिक प्रतिभा और गुणों से ढालते हुए अनेक नवाचार किये हैं। वे गिरिजा देवी की गायिकी के साथ-साथ लोक गायन एवं भक्ति गायन में अपार श्रोता-समाज के मन को छूने में सफल होती हैं। दुनिया के अलावा देश के अनेक राज्यों के बड़े शहरों में गाया है।

 मालिनी अवस्थी की खासियत यह है कि वे जागरूकता और सामाजिक सरोकारों के अनेक ज्वलन्त विषयों पर भी अपनी सांस्कृतिक उपस्थिति दर्ज कराती हैं। इनमें विशेष रूप से महिलाओं की जागरूकता, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, मतदान के प्रति जागरूकता शामिल हैं। इन तीनों ही दिवस समारोह में प्रवेश नि:शुल्क एवं बैठने का स्थान प्रथम आयें प्रथम पायें के रूप में रहेगा।

भक्ति संगीत कथाएं शिप्रा तट पर, लोकनृत्य गायन और वादन दशहरा मैदान, सामाजिक न्याय परिसर, शास्त्री नगर ग्राउण्ड और महानन्दा नगर स्थित एरिना ग्राउण्ड में होगा। 24 फरवरी को प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे तक चित्र, शिल्प और साहित्य प्रतियोगिता कालिदास अकादमी परिसर में होगी।