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गाय और सूअर का मांस खाने वाले नेहरू पंडित कैसे हो सकते हैं?

 

जयपुर। भाजपा के रामगढ़ विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के जयपुर दौरे से एक दिन पहले फिर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू सूअर-गाय का मांस खाते थे, तो वे पंडित कैसे हुए?

उन्होंने भाजपा आॅफिस में मीडिया से बातचीत में कहा कि गाय और सूअर का मांस खाने वाले नेहरू पंडित कैसे हो सकते हैं? उन्होंने केवल बाह्मणों के वोट लेने के लिए अपने नाम के आगे पंडित लगा लिया था। ऐसे ही राहुल का कभी जनेऊ संस्कार नहीं हुआ।

 

यज्ञोपवीत संस्कार के बाद जनेऊ पहना जाता है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट बता दें कि ये कब हुआ। वे कभी मंदिर नहीं गए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट कह रहे हैं कि वे इंदिरा गांधी के साथ मंदिर जाते थे, मैं भी 78 साल का हूं, सब देख रहा हूं। उनकी आस्था दिखावटी और वोटों के लिए हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गाय और सूअर सहित बाकी जीव जंतुओं का मांस खाता हो, वो आखिर पंडित कैसे हो सकता है। गाय हिन्दुओं के आस्था का केन्द्र है और सूअर को मुस्लिम नापाक मानते हैं।

नेहरू की आत्मकथा का हवाला देते हुए कहा कि वे कहते थे कि मैं दुर्भाग्य से हिन्दू हूं, क्योंकि मैंने हिन्दू धर्म में जन्म लिया। उन्होंने पंडित लगाकर बाह्मणों और बाबू जगजीवन राम से दलितों को जोड़ा गया, लेकिन अब कांग्रेस की पोल खुल गई है। लेकिन अब ये कॉर्ड नहीं चलने वाले हैं। कांग्रेस के आगामी चुनावों में दलितों के लिए अलग से घोषणा पत्र बनाए जाने को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि जातिवाद का झंडा कांग्रेस से ज्यादा मायावती, अखिलेश यादव, डीएमके लेकर चल रहे हैं। कांग्रेस का साथ वे छोड़ चुके हैं। कहा कि कांग्रेस की राजस्थान में जितनी सीटें पिछले चुनावों में आई थीं, इस बार उतनी भी नहीं आएंगी।

 

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