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भाखड़ा डैम लबालब, 85 गांवों को जल्द खाली करवाने के आदेश 

जालंधर। दक्षिण से उत्तर भारत तक बारिश कहर बरपा रही है। कई राज्यों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। इधर ब्यास, सतलुज नदी और भाखड़ा डैम का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन अलर्ट पर है। भाखड़ा डैम में बढ़े जलस्तर के कारण इसके चारों गेट खोल दिए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि भाखड़ा डैम का पानी खतरे के निशान से ऊपर जा पहुंचा है। अब तक 55 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जा चुका है। उन्होंने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। बताया जा रहा है कि डैम का जलस्तर 81 फुट तक जा पहुंचा है जो कि इसकी क्ष्मता से करीब एक फुट कम रह गया है। भाखड़ा डैम का जलस्तर 1674 फुट है, जोकि 1682 फुट तक बढ़ाया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि भाखड़ा डैम में शनिवार तक 1674 फुट से अधिक जलस्तर दर्ज किया गया था, जो कि पिछले साल की तुलना में 60 फुट अधिक है। डैम की अधिकतम भंडारण क्षमता 1680 फुट है।

 

प्रशासन ने जालंधर और कपूरथला जिले में सतलुज नदी के आसपास तथा निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को चौकन्ना किया है।

भाखड़ा डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण उसके गेट खोलने के  चलते जालंधर के साथ लगते 85 गांवों को जल्द खाली करवाने के आदेश दिए हैं। इसके साथ प्रशासनिक अधिकारियों को चौकस रहने के लिए कहा है। जालंधर जिले में ऐसे हालातों के लिए शाहकोट क्षेत्र को सबसे संवेदनशील माना जा रहा है, जिसके गांव दानेवाल, नौरंगपुर, चक्क हथियाना, बाऊपुर, चक्क बाहमणियां, तलवंडी बूटेयां, पिपली, मियाणी, गदईपुर, मिर्जापुर, धमेलपुर, फतेहपुर, रायपुर, ताहरपुर, रामपुर, बुड़ेवाल, खालेवाल, जलालपुर, पड़ाना, गिद्दपिंडी, कंग खुर्द, मराजवाला, नसीरपुर, कुतबीवाल, दारेवाल, युसूफपुर, मुंडी कालू, शहरियां, कासू, चोहलियां, बंडाला, चाहल, कमालपुर, जलोपुर, पुनियां व जानियां इत्यादि में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

 

इसके बाद फिल्लौर व नकोदर को संवेदनशील माना जा रहा है। फिल्लौर के गांव लसाड़ा, कडियाना, सियाल कियाना, चौहला बजर, तलवण, भौडा व गग इत्यादि तथा शाहकोट के साथ लगते नकोदर के गांवों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है। इन क्षेत्रों के लोगों को रात के समय में भी सतर्क रहने के निर्देश भेजे गए हैं।

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