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VIDEO : वसुंधरा जी ब्यावर मती आइज्यो! बबीता रायतो ढोल दियो है…

 

न्यूज नजर डॉट कॉम

अजमेर। ब्यावर नगर परिषद की भाजपाई सभापति बबीता चौहान की गिरफ्तारी ने भाजपा को धर्मसंकट में डाल दिया है। एक तरफ प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आगामी विधानसभा चुनाव में वोटों की फसल काटने के लिए राजस्थान गौरव यात्रा लेकर निकल पड़ी हैं, तो दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी की महिला सभापति बबीता सवा दो लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ी गई है। उसका पति और बहनोई भी एसीबी की गिरफ्त में आ गए।

देखें वीडियो

इस घटना को लेकर जहां कांग्रेस हमलावर हो गई है, वही सोशल मीडिया पर आम जनता भी जमकर व्यंग्य कर रही है। सभापति की गिरफ्तारी का वीडियो वायरल हो रहा है।

 

इसमें सभापति बबीता अपनी गिरफ्तारी के दौरान मुस्कुराते हुए फोटो खिंचवा रही है। उनकी यह मुस्कान आने वाले चुनाव में भाजपा की चिंता बन सकते हैं। 60  साल कांग्रेस को मौका दिया, अब हमें भी ‘अवसर’ दो का नारा लगाने वाली भाजपा अपनी सभापति के इस चेहरे और मुस्कान को कैसे भुनाएगी, यह तो वक्त बताएगा।
फिलवक्त सोशल मीडिया पर वसुंधरा पर भी हमला बोला जा रहा है। लोग सलाह दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री जी अपनी राजस्थान गौरव यात्रा लेकर ब्यावर मत आइएगा, यहां बबीता ने रायता ढोल दिया है।

गौरतलब यह भी है कि अब तक सभापति के हिमायती रहे ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत ने भी अचानक सुर बदल लिया है। सभापति की गिरफ्तारी से पल्ला झाड़ते हुए उनका कहना है कि ‘यात्री अपने जोखिम पर यात्रा करे’

वाह बबीता वाह!

सभापति पर एक डॉक्टर राजीव जैन से उसके प्लॉट कन्वर्जन की एवज में 25 लाख रुपए मांगने का आरोप है। इसमें से सवा दो लाख रुपए नकद लेते एसीबी के हाथों पकड़ी गई। इसी के साथ एसीबी ने गत अप्रैल का सभापति का एक और कारनामा उजागर किया है। इस मामले में अप्रैल में ही बबीता ट्रेप हो जाती, लेकिन तब ऐनवक्त पर शिकायतकर्ता पार्षद ने कदम पीछे खींच लिए।
दरअसल कांग्रेसी पार्षद गुरुबचन सिंह ने एसीबी को शिकायत दी कि उसकी पार्टनर शिप वाले एक मॉल की जमीन का कन्वर्जन और नक्शा पास करने की एवज में सभापति बबीता ने उससे 78 लाख कीमत की एक दुकान रिश्वत में ली है। इतना ही नहीं, कागजों में उस दुकान की खरीद-फरोख्त दिखाने के लिए उससे 5 लाख रुपए भी लिए। यह 5 लाख रुपए पहले अपनी परिचित योगिता के बैंक खाते में जमा करवाए और फिर उस राशि से योगिता के नाम से 5 लाख में दुकान की खरीद बताई। उस समय एसीबी ने ट्रेप को कोशिश की लेकिन नक्शा पास हो जाने के कारण पार्षद गुरुबचन ट्रेप में सहयोग करने से मुकर गया था। एसीबी ने अब वह मामला पुनः खोल दिया है।

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