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गुलाब कोठारी को प्रतिष्ठित पुरस्कार देने की घोषणा का पत्रकार जगत में जोरदार विरोध

जयपुर। राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान संपादक  गुलाब कोठारी को भारतीय प्रेस परिषद की ओर से प्रतिष्ठित राजा राम मोहन राय पुरस्कार देने की घोषणा से देशभर के पत्रकारों में रोष फैल गया है। पत्रिका के ही कई पूर्व कर्मचारियों एवं वरिष्ठ पत्रकारों ने कोठारी को यह पुरस्कार देने का विरोध करते हुए परिषद सचिव सहित राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे हैं।

जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड संघर्ष समिति राजस्थान के अध्यक्ष देवेन्द्र गर्ग, सचिव अमित मिश्रा एवं राकेश कुमार शर्मा ने ज्ञापन में बताया कि कोर्ट से फरार आरोपी एवं सैकड़ों पत्रकारों को प्रताडि़त करने वाले को प्रतिष्ठित राजा राम मोहन राय पुरस्कार दिया जाना उचित नहीं है।

उन्होंने ज्ञापन में बताया कि भारतीय प्रेस परिषद ने प्रतिष्ठित राजा राम मोहन राय पुरस्कार के लिए राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी को चयनित किया है। यह पुरस्कार पत्रकारिता के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए दिया जाता है।

जबकि कोठारी इसके हकदार नहीं है। राजस्थान पत्रिका समूह के सैकड़ों पत्रकार और कर्मचारियों का आर्थिक, सामाजिक और मानसिक शोषण करने वाले व्यक्ति गुलाब कोठारी के खिलाफ देश की विभिन्न अदालतों में पत्रकारों व कर्मचारियों की ओर से सैकड़ों मामले लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी संविधान प्रदत्त जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड पत्रकारों व कर्मचारियों को नहीं दिया। ऐसे व्यक्ति को प्रतिष्ठित राजा राम मोहन राय पुरस्कार देना देश की पत्रकारिता जगत में अचरज से देखा जा रहा है और ये समझ से भी परे है। कोठारी का पत्रकारिता के क्षेत्र में इतना ही योगदान है कि वह राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कर्पूरचन्द्र कुलिश के बेटे है और उनके अखबार के मालिक हैं। देश के संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाना इनकी आदत में शुमार रहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि मजीठिया वेजबोर्ड के एक मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मुरैना श्री सत्यम पांडे के प्रकरण क्रमांक 1363/2015 श्रम विभाग विरुद्ध डॉ.गुलाब कोठारी फिलिंग नम्बर 2753/2015 सीएनआर नम्बर एमपीजीरो-6010014702015, फिलिंग डेट 30/06/15 में पारित आदेश दिनांक 22/07/2017 को कोर्ट ने फैसले में गुलाब कोठारी को फरार घोषित कर उनके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है। (आदेश प्रति संलग्न है)

इसके अलावा न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या आठ जयपुर महानगर कोर्ट में श्रम विभाग की ओर से मजीठिया वेजबोर्ड मामले में राजस्थान पत्रिका समूह व उनके मालिकों के खिलाफ मामला लंबित है।

आश्चर्य तो इस बात का है कि हाल ही भारतीय प्रेस परिषद की पैड न्यूज को लेकर जयपुर में जनसुनवाई कार्यक्रम रखा गया था। राजस्थान पत्रिका के खिलाफ भी पैड न्यूज से संबंधित मामलों की सुनवाई परिषद के माननीय अध्यक्ष व अन्य परिषद सदस्यों ने की थी। उक्त अवसर पर भी पत्रकार संगठनों के पदाधिकारियों ने परिषद चेयरमैन से व्यक्तिगत मिलकर राजस्थान पत्रिका समूह के मालिक व प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की कारगुजारियों की जानकारी दी थी। ऐसे अखबार के प्रधान संपादक व मालिक को प्रतिष्ठित पुरस्कार देना कहां तक उचित है। यहीं नहीं गुलाब कोठारी व पत्रिका समूह के कई जमीनी मामले भी चर्चित रहे हैं।

ज्ञापन में अनुरोध किया गया कि गुलाब कोठारी को दिया जाने वाला पुरस्कार समारोह अविलम्ब रोका जाए और कोठारी का पुरस्कार वापस लिया जाए। साथ ही इस पुरस्कार देने के मामले की जांच करवाई जाए। परिषद के कोठारी को पुरस्कार देने के फैसले से देश भर के पत्रकारों व कर्मचारियों में खासा आक्रोश है।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गुलाब कोठारी को दिया जाने वाले पुरस्कार की घोषणा वापस नहीं ली गई तो पत्रकार संगठन 16 नवम्बर को आयोजित समारोह में गुलाब कोठारी का विरोध प्रदर्शन करेंगे।

 

 

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