Breaking News
Home / breaking / आईआईटी कानपुर की टीम विशेष कोटिंग बनाने में जुटी, यह होगा फायदा

आईआईटी कानपुर की टीम विशेष कोटिंग बनाने में जुटी, यह होगा फायदा

नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक विकसित कर रहे हैं जिससे मास्क और हजमत सूट जैसे निजी बचाव के साधनों का बार-बार इस्तेमाल किया जा सकेगा और इस प्रकार इनकी कमी की समस्या से निजात मिल सकेगी।

संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एमएलएन राव, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशिष पात्रा और एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नगमा प्रवीण की टीम एक ऐसी ‘मेडिकल कोटिंग’ (बेहद पतली परत) तैयार कर रही है जिसे मास्क या हजमत सूट पर लगा देने से इस पर आने वाला वायरस मर जाएगा। इस प्रकार डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने मास्क और हजमत सूट कभी संक्रमित नहीं होंगे और इसलिए उनका बार-बार इस्तेमाल किया जा सकेगा।

विज्ञान एवं अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड इस अनुसंधान को समर्थन प्रदान कर रहा है। तीन महीने में इस तरह के निजी बचाव साधनों का प्रोटोटाइप तैयार होने की उम्मीद है जिसके बाद इनका औद्योगिक उत्पादन हो सकेगा।

इस परत को बनाने वैज्ञानिक ऐसे पॉलीमर का इस्तेमाल करेंगे जिन पर बैक्टीरिया और वायरस नहीं टिकते हैं। इन पॉलीमरों में ऐसे अणु मिलाये जायेंगे जो कोरोना वायरस जैसे इन्फुलुयेंजा के वायरसों को मारने में सक्षम होंगे।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा ने कहा किअधिकतर मास्क छलनी की तरह काम करते हैं जो एक तय सीमा से बड़े कणों एवं सूक्ष्म जीवों को अंदर जाने से रोकते हैं। इन पर जीवाणु एवं विषाणु रोधी परत चढ़ाने से इनके इस्तेमाल की अवधि, दुबारा इस्तेमाल करने का विकल्प और उनका सुरक्षित निस्तारण संभव हो सकेगा। यदि परत चढ़ाने की लागत मास्के के दाम के बेहद कम अनुपात में हो तो यह अतिरिक्त सुरक्षा और महत्वपूर्ण हो जाती है।

Check Also

9 लाख की सोने की चेन लेकर ग्राहक चंपत, ज्वैलर्स के उड़े होश

कुचामनसिटी. शहर के घाटी कुआं बाजार से ज्वैलर की दुकान में ग्राहक बनकर पहुंचे दो युवक …