इलाहाबाद। गर्म तेल की एक बूंद भी अगर हमारे बदन पर पड़ जाए तो असहनीय दर्द से तड़प उठते हैं, मगर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक शख्स ऐसा भी है जो खौलते तेल में हाथ डालता है और गरमा-गरम पकौड़े निकालकर बेचता है। इससे ना तो उसके कभी हाथ जले और ना ही चेहरे पर कोई शिकन देखी गई। जो देखता है वह हैरान रह जाता है। खौलती कढ़ाही में हाथ डुबोकर पकौड़े तलने के उसके कारनामे की चर्चा दूर तक पहुंचने लगी है।
इलाहाबाद में सड़क किनारे अपनी दुकान चलाने वाले साठ वर्षीय राम बाबू अब इतने मशहूर हो गए हैं कि लोग उनके इस हैरतंगेज कारनामे को देखने के लिए दूर-दूर से आने लगे हैं। राम बाबू कहते हैं कि दूर-दूर से लोग उन्हें देखने और पकौड़े खाने आते हैं। वे 40 से ज्यादा सालों से ऐसा कर रहे हैं। लेकिन कभी न तो हाथ जले और ना ही कभी हाथों में छाले ही पड़े हैं।
20 साल की उम्र में बाबू ने जब अपने स्टॉल पर आलू और बैंगन की फांक तलनी शुरू की थी तो उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी ग्राहकी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती गई, बाबू ने वक्त बचाने के लिए कलछी का इस्तेमाल बंद कर दिया और हाथों से ही पकौड़े तलने लगे।
बाबू ने बताया कि एक दिन दुकान पर ग्राहकों की भारी भीड़ जमा हो गई और मैं अकेला ही पकौड़े तल रहा था। अफरा-तफरी में गलती से मैंने अपने नंगे हाथों को खौलती कढ़ाही में डाल दिया। इससे पहले मैं कुछ समझ पाता, मेरे हाथ कढ़ाही में गहरे तक चले गए थे। मैंने तुरंत अपने हाथों को बाहर निकाला और उन्हें जला हुआ मानकर ढक लिया लेकिन तुरंत ही मुझे अहसास हुआ कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था।
उसी दिन से मैंने कलछी इस्तेमाल करना बंद कर दिया। मुझे कभी भी नुकसान नहीं पहुंचा। मुझे ऐसा लगता है मानों मैं अपने हाथों को पानी में डुबो रहा हूं। बाबू हर रोज सैकड़ों किलो पकौड़े बेचते हैं और इनकी कीमत 20 रुपए प्लेट है। बाबू दावा करते हैं कि लोग उन्हें टकटकी लगाकर देखते हैं और पूछते हैं कि क्या उन्होंने कोई जादू सीखा हुआ है? लेकिन मैं मुस्कुराकर बस यही कहता हूं कि यह ईश्वर का चमत्कार है।