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पेट्रोल में एथोनॉल की मात्रा बढ़ाई, फिर भी रेट में कमी क्यों नहीं ?

-अब 14 प्रतिशत एथोनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल की बिक्री शुरू

– रेट में कोई कटौती नहीं, ग्राहकों को झटका

सन्तोष खाचरियावास

अजमेर। केन्द्र सरकार के निर्देश पर पेट्रोलियम कम्पनियों ने गुरुवार से पेट्रोल में एथोनॉल की मात्रा बढ़ा दी है। अब पेट्रोल में प्रतिलीटर 14 प्रतिशत एथोनॉल (गन्ना उत्पाद) मिलाकर बेचा जा रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि इससे पेट्रोल की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है। ग्राहकों को मौजूदा कीमत पर ही पेट्रोल बेचा जा रहा है।
दरअसल, मोदी सरकार ने ईबीपी पॉलिसी के तहत साल 2018 से पेट्रोल में 10 फीसदी एथोनॉल मिलाकर बेचना अनिवार्य कर दिया और साल 2025 तक यह मात्रा बढ़ाकर 20 फीसदी करने की तैयारी है। कुछ समय पहले एथोनॉल की मिलावट 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी और अब 14 फीसदी कर दी गई है।
 एथोनॉल की कीमत लगभग 63.45 रुपए प्रतिलीटर है जबकि पेट्रोल के दाम 104 रुपए प्रतिलीटर से ज्यादा हैं। सीधा साधा गणित है कि प्योर पेट्रोल में 14 फीसदी एथोनॉल मिलाकर बेचने से मिश्रित पेट्रोल की कीमत कम होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
हालांकि सरकार का दावा है कि एथोनॉल मिलाकर बेचने से जनता को पेट्रोल सस्ता पड़ रहा है, वही सरकार को पेट्रोल का आयात कम करना पड़ रहा है, विदेशी मुद्रा बच रही है, पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलने के साथ ही गन्ना किसानों एवं गन्ने से एथोनॉल बनाने वाली डिस्टलरीज को लाभ पहुंच रहा है। मोदी सरकार इसे लेकर उत्साहित है और अपनी उपलब्धि मान रही है।
तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि तेल कम्पनियां पेट्रोल में सस्ता एथोनॉल मिलाने की आड़ में जमकर मनमानी कर रही हैं। कई बार डिस्टलरी से एथोनॉल सप्लाई नहीं आने की कहकर अपने चहेते पेट्रोल पम्पों को प्योर पेट्रोल सप्लाई कर दिया जाता है। एचपीसीएल के सराधना (अजमेर) स्थित टर्मिनल से लाखों लीटर प्योर पेट्रोल सप्लाई किया जा चुका है। खुद हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (एचपीसीएल) एक आरटीआई के जवाब में यह कबूल कर चुका है।

 

यह है ईबीपी पॉलिसी

देश में पेट्रोल का आयात कम करने के लिए उसमें 12 फीसदी एथोनॉल मिलाकर एथोनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) बेचा जा रहा था। इसे बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया है। जल्द ही यह मात्रा 20 फीसदी करने जा रही है। सरकार यह कहकर वाहवाही लूट रही है कि इससे विदेशों से पेट्रोल पर निर्भरता कम होने के साथ ही गन्ना किसानों को लाभ पहुंच रहा है। कार्बन उत्सर्जन कम होने के कारण पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है।

ई 20 पेट्रोल लॉन्च

केन्द्र सरकार पिछले साल ई 20 पेट्रोल भी लॉन्च करा चुकी है। इसमें पेट्रोल और एथोनॉल का अनुपात 8:2 है। वर्तमान में बिक रहे नए दुपहिया वाहनों के इंजन ई 20 पेट्रोल से संचालित होने लायक बनाए गए हैं। अजमेर की बात करें तो फिलहाल यहां ई 20 पेट्रोल उपलब्ध नहीं है, अलबत्ता देश के कई राज्यों में ई 20 पेट्रोल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।

पेट्रोल पम्प संचालक भी परेशान

एथोनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल से वाहन का माइलेज कम होने के साथ ही फ्यूल टैंक में पानी भरने का जोखिम रहता है। इस कारण जनता के साथ साथ पम्प संचालक भी परेशान हैं। कई बार उनके टैंक में भरा पेट्रोल पानी के सम्पर्क में आने के कारण खराब हो जाता है। एथोनॉल पानी में तब्दील हो जाता है। उन्हें टर्मिनल से विशेष गाड़ी मंगवाकर टैंक की सफाई करानी पड़ती है। लाखों रुपए का पेट्रोल बर्बाद होता है सो अलग। ग्राहकी बंद करनी पड़ती है। विगत दिनों कुछ पम्पों पर ऐसा हो भी चुका है। बारिश के दिनों में यह समस्या ज्यादा पेश आती है। इससे बचने के लिए कई प्रभावशाली पम्प संचालक टर्मिनल प्रशासन से मिलीभगत कर अपने यहां प्योर पेट्रोल की सप्लाई मंगवाते हैं। इससे उनके ग्राहक भी खुश रहते हैं।

सेल्स ऑफिसर ने नहीं उठाया फोन

पेट्रोल में एथोनॉल की मात्रा बढ़ाए जाने के सम्बंध में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के सेल्स ऑफिसर दीपेश अरोड़ा से उनके मोबाइल पर सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उनके व्हाट्सएप पर मैसेज छोड़ा गया है।

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