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बैंकों की हड़ताल से अरबों का लेन-देन प्रभावित


नई दिल्ली। यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को देशभर के सरकारी बैंक बंद रहे। इस दौरान बैंक कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया। बैंकों की हड़ताल से अरबों का लेन-देन प्रभावित हुआ। बैंक बंद होने से बैंक ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी व्यापारियों को रहीं।

मंगलवार सुबह स्टेट बैंक के कर्मचारियों ने बैंक पहुंचकर तालाबंदी की और जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन के नेताओं ने सरकार की आर्थिक नीतियों की निंदा की।

उन्होंने कहा कि सरकार यूनियनों से बात किए बिना ही आर्थिक नीतियों पर एक तरफा कार्रवाई कर रही है। उन्होंने सरकार की बैंकों का विलय करने की योजना, वेतन समझौता, सरकारी अंशदान कम करने, लेबर एक्ट में परिवर्तन करने में यूनियनों को शामिल नहीं करने पर रोष व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों के विरोध में सभी बैंक कर्मी एक जुट है तथा किसी भी संगठनात्मक कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार छोटी बचत पर ब्याजदर कम कर रही है। साथ ही सेवा शुल्क बढ़ा रही है। इससे आम जनता के हितों पर भी असर पड़ रहा है।

सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी सरकार की नीतियों के विरोध में हड़ताल की। राजस्थान में भी बैंककर्मी एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंकों पर ताले लटके रहे। एटीएम के माध्यम से लेन-देन का कार्य हुआ।

बैंकों के विलय, निजीकरण एवं श्रम विरोधी कानून को लेकर स्टेट बैंक आफ इंडिया, पीएनबी एवं कैनरा बैंक समेत कई अन्य बैंकों पर मंगलवार को बैंक कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से ताले लटके रहे। पूरे दिन बैंकों में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं हुआ। बैंक कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से ग्राहकों को परेशानी उठानी पड़ी। इन ग्राहकों ने एटीएम के माध्यम से लेन-देन का कार्य किया। उधर बैंकों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी किया।

हड़ताल से ग्राहक परेशान रहे

मंगलवार को बैंकों की हड़ताल से अरबों का लेनदेन प्रभावित हुआ। बैंकों से लेनदेन करने के लिए ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी व्यापारियों को हुई। वह न तो रुपए जमा करा पाए और न ही निकाल ही पाए। माल मंगवाने के लिए एनएफटी नहीं करा पाए और न ही ड्राफ्ट ही बनवा पाए।

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