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दूध से प्रोटीन गायब, ग्राहकों को लूट रहे डेयरी संचालक


भोपाल/पन्ना। अच्छे दाम खर्च करने के बाद भी शहरवासियों को शुद्ध दूध नहीं मिल पा रहा हें हर घर की यही कहानी है कि दूध वाला पानी जैसा दूध दे रहा है। जिसके उबालने पर न मलाई बन रही है न ही बच्चों की सेहत को लग रहा है। जगह-जगह से मिल रही शिकायतों के बाद जब तहकीकात की गई तो यह बात सामने आई कि अच्छे दाम देने के बाद भी लोगों को पानी मिला दूध दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि हाल ही में मिलावटी दूध बेचने के मामले में न्यायालय के उम्र कैद की सजा का प्रावधान का निर्णय लिया है। बावजूद इसके पन्ना जिले में मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। प्रशासनिक उदासीनता और लचर विभागीय कार्यवाही के चलते इस पर रोक नहीं लग पा रही हैं। इसी का नतीजा है कि अब भी दूध में मिलावट हो रही है। हालत यह है कि पौष्टिक प्रोटीनयुक्त पेय पदार्थ के रूप में पहचान रखने वाले दूध में पानी की मात्रा इतनी अधिक हो गई है कि अब आम आदमी पानी मिले दूध में प्रोटीन तलाश रहा है।

डेयरी संचालक उठा रहे फायदा

बढ़ती मंहगाई और उपभोक्ताओं की विवशता का सबसे बड़ा फायदा शहर के कुछ कथित दूध व्यवसायी और डेयरी संचालक भी उठा रहे हैं। शहर के आसपास के कई गांवों के दूध विक्रेता दूध लेकर शहर पहुंचते हैं। इनमें से कई विक्रेताओं से ये कथित डेयरी संचालक दूध लेते हैं और दूध से क्रीम निकालकर सप्रेटा दूध लौटा देते है। यह मिलावट का कारोबार प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर कई दूध विक्रेताओं ने कहा कि एक लीटर दूध में 700 से 900 ग्राम क्रीम निकालकर बेंच दी जाती है। शरीर में प्रोटीन की मात्रा आवश्यक है। दूध ही प्रोटीन का सबसे प्रमुख स्त्रोत माना गया है। मिलावटी पतला दूध परिवार के लोग भी वाकिफ हैं। इसी कारण दूध के साथ प्रोटीनयुक्त पदार्थों को मिलाकर बच्चों को पिलाना विवशता है। मध्यमवर्गीय परिवार इस पतले दूध के साथ समझौता करता है।

ऐसे करें मिलावटी दूध की जांच

मार्केट में लैक्टोमीटर उपलब्ध है। इसके जरिए तुरंत ही दूध में पानी की मात्रा का पता लगाया जा सकता है। ऐसे यंत्र हर छोटी-बड़ी डेयरी पर भी होते हैं। किसी समतल व साफ सतह पर दूध की एक बूंद टपकाएं, अगर दूध शुद्ध होगा तो वह सीधी पंक्ति की तरह बहेगा और अपने पीछे एक सफेद गाढ़ी छाप छोड़ेगा, लेकिन अगर मिलावटी दूध होगा तो वह पानी की तरह बह जाएगा। मिलावटी दूध उबालने के दौरान उबाल कम आता है। मिलावटी दूध को उबालने पर मलाई बहुत पतली आती है। मिलावटी दूध का स्वाद कुछ कसैला होता है।