नई दिल्ली। सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए मालदा पहुंची भाजपा नेताओं की टीम को ममता बनर्जी सरकार ने बैरंग लौटा दिया। ममता सरकार के इस निर्णय का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने यह निर्णय शांति बनाए रखने के लिए लिया है।
भाजपा टीम की वापसी के मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता पी. एल. पुनिया ने सोमवार को यहां यहां प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मालदा में कुछ दिनों पहले जो भी हुआ, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन यह राज्य सरकार का काम है कि वह शांति बनाए रखे। अगर एक राजनीतिक दल प्रशासन के कार्य में हस्तक्षेप करने के साथ ही राज्य में अराजकता पैदा करने की कोशिश करता है, तो भाजपा नेताओं की टीम को वापस भेजना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। कांग्रेस नेता पूनिया के मुताबिक राज्य प्रशासन ने जो भी किया, वह राज्य में शांति बनाए रखने के लिए किया गया।
इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने कहा कि भाजपा को पहले से ही मालदा के कालियाचक इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े तथ्य मिल गए हैं। लेकिन अब इस संबंध में जांच के लिए एक कमेटी गठित करके लोगों को भ्रमित करना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने भी ममता सरकार के निर्णय को सही ठहराया है। उनके मुताबिक भाजपा राज्य में अशांति और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने में लगी है और इसका फायदा वह चुनाव में उठाना चाहती है। लेकिन राज्य की ममता सरकार पूरी तरह सतर्क है और वह ऐसी किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी।
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के मालदा स्थित कालियाचक इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए पहुंची भाजपा नेताओं की टीम को सोमवार सुबह मालदा स्टेशन पर पुलिस और प्रशासन ने हिरासत में लेकर वापस कोलकाता भेज दिया। तीन सदस्यीय टीम को सांप्रदायिक हिंसा और राज्य प्रशासन की भूमिका पर अपनी रिपोर्ट तैयार करके पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को देनी थी।
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