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केजरीवाल की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर रोक लगाना सही

 

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ‘घर-घर राशन’ पहुंचाने की योजना पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुए दावा किया है कि ऐसा कर एक बड़े घोटाले को होने से बचा लिया गया।

भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां आभासी माध्यम से संबोधित एक संवाददाता सम्मेलन में आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस योजना के जरिये दिल्ली सरकार की मंशा गरीबों के नाम पर मिले राशन को गायब करके घोटाला करने की थी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस प्रकार से बात रखी है, मानो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार, दिल्ली की जनता को उनके अधिकार से वंचित रख रही है, जबकि ऐसा नहीं है।

राष्ट्रीय खद्यान्न सुरक्षा कानून और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना द्वारा अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी जरूरतमंदों को राशन पहुंचाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गेहूं पर दिल्ली सरकार मात्र दो रुपए प्रति किलो अदा करती है जबकि केंद्र सरकार 23.7 रुपए प्रति किलो। इसी प्रकार चावल पर राज्य सरकार मात्र तीन रुपए प्रति किलो और केंद्र सरकार 33.79 रुपए प्रति किलो अदा करती है।

 

पात्रा ने कहा कि केजरीवाल इसके अतिरिक्त भी राशन बांटना चाहते हैं तो इसके लिए वह राशन खरीद सकते हैं। जो अधिसूचित दर हैं, उस पर राशन खरीदा जा सकता है। इसपर किसी प्रकार की आपत्ति केंद्र सरकार को या किसी को नहीं होगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत मई और पांच जून तक दिल्ली को तय कोटे से अधिक 72,782 मीट्रिक टन अनाज भेजा गया है लेकिन दिल्ली सरकार अभी तक करीब 53,000 मीट्रिक टन अनाज ही उठा पाई है और इसका मात्र 68 प्रतिशत ही वह जनता को बांट पाई है।

दिल्ली सरकार की ‘घर-घर राशन’ योजना पर सवाल उठाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि दिल्ली में राशन वितरण के लिए आधार कार्ड प्रमाणीकरण की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही कम्प्यूटरीकृत प्रणाली लागू है जबकि छोटे से छोटे राज्यों में भी यह व्यवस्था लागू है। दिल्ली में राशन उचित व्यक्ति तक पहुंच रहा है, यह पता लगने की कोई व्यवस्था नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल राशन को कहीं और भेजना चाहते थे। वह बहुत बड़ा घोटाला करना चाहते थे। जिस व्यक्ति तक राशन पहुंचना चाहिए उस व्यक्ति तक नहीं पहुंचेगा। न जाने किसके पास पहुंच जाता। दिल्ली में आधार कार्ड प्रमाणीकरण की व्यवस्था भी नही है।

पात्रा ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दे दी होती तो दिल्ली की जनता को आठ से दस गुना ज्यादा दर पर गेहूं और चावल मिलता। केजरीवाल सरकार ने ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ के प्रावधान को भी आगे बढ़ाने से मना कर दिया, जिस कारण हजारों मजदूर आज राशन लेने से वंचित रह गए हैं।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल विज्ञापन, दोषारोपण, श्रेय लेने, नाटक करने और बहाने बनाने की राजनीति करते हैं तथा इस वजह से कोरोना संकट के दौरान वह ऑक्सीजन, बिस्तर, वेंटिलेटर सहित अन्य जरूरी सामान पहुंचाने में विफल रहे।

उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने आज केंद्र सरकार पर ‘घर-घर राशन’ योजना को रोकने का आरोप लगाया और कहा कि इसे अगले हफ्ते से लागू करने की सारी तैयारियां पूरी हो गई थीं लेकिन दो दिन पहले केंद्र सरकार ने योजना पर रोक लगा दी।

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