चमोली। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटकर गिरने से अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। यहां चल रहे कई पावर प्रोजेक्ट्स को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही इन प्रोजेक्ट्स की जगहों पर काम कर रहे 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 170 से ज्यादा लोग लापता हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है।
मनोज के बड़े भाई ने कहा, “हमें पुलिस का फोन आया कि ऋषि गंगा प्रोजेक्ट साइट से मनोज और एक अन्य पुलिसकर्मी लापता हैं। जब मैं घटनास्थल पर पहुंचा, तो उनके साथी ने बताया कि शव पानी की धार में बह गए हैं। इसके बाद मैं घर लौट आया। जब मुझे कर्णप्रयाग में मिले चार शवों की फोटो दिखी, तो उनमें एक मनोज का शव भी था।” अनिल के मुताबिक, वे उम्मीद करते हैं कि मनोज की पत्नी सीमा को सरकारी नौकरी मिल जाए।
देहरादून के रहने वाले कॉन्स्टेबल सुरेश भंडारी के मुताबिक, जिस दिन हादसा हुआ, वे मनोज और दो अन्य कॉन्स्टेबल- बलबीर सिंह गारिया (58) और कॉन्स्टेबल दीपराज के साथ ड्यूटी पर थे। उन्होंने बताया कि दीपराज और वे ऋषि गंगा साइट के मेन गेट पर ड्यूटी कर रहे थे, जबकि मनोज और बलबीर दूसरे कमरे में थे। भंडारी ने बताया कि इसी दौरान उन्होंने रैनी गांव से एक सीटी की आवाज सुनी और कुछ ही पलों में धूल का गुबार उनके सामने था। दीपराज और भंडारी ने इसके बाद सड़क की तरफ भागना शुरू किया। उन्होंने बलबीर और मनोज को भी आवाज लगाई, पर वे शायद फंस चुके थे।