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चरित्र पर संदेह होने से पत्नी की नृशंस हत्या, चिता बनाकर जलाई लाश

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बैतूल। पत्नी के चरित्र पर संदेह होने से एक पति ने पहले उसे बहला-फुसलाकर घने जंगल में बांस काटने के बहाने ले गया और वहां पर विवाद होने पर कुल्हाड़ी से नृशंस हत्या कर डाली। इतना ही नहीं हत्यारे पति ने पत्नी को बांस की चिता पर लेटाकर आग लगाकर फरार हो गया। मृतिका के दो बच्चे भी हैं। शाम तक जब मृतिका घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने बीजादेही थाने में इसकी सूचना दी। महिला की तलाश करने पर उसका शव जंगल में जलता हुआ बीजादेही के जंगल में मिला। सूचना मिलने पर बीजादेही थाना प्रभारी एसआर मर्सकोले, एफएसएल अधिकारी जीएस नरवरिया एवं पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जलती चिता से साक्ष्य एकत्रित किए। घटना 10 मई की बताई गई है।

 

पुलिस को दिए बयान में आरोपी बिहारी उइके निवासी ग्राम मूढा थाना बीजादेही ने बताया कि उसकी पत्नी रामरती बाई उइके के दो बेटे हैं जिनमें एक शिवम (11), विशाल (9) का है। बिहारी ने बताया कि उसकी पत्नि रात में कहीं चली जाती थी और देर रात तक वापस आती थी जिसको लेकर अक्सर विवाद की स्थिति बनती थी। उसके चरित्रहीनता से वह परेशान था। इसी के चलते उसने यह कदम उठाया।

सुनियोजित की हत्या

बीजादेही थाना प्रभारी उइके मर्सकोले ने बताया कि बिहारी उइके ने 10 मई को सुबह 10.30 बजे बिहारी अपनी पत्नि रामरती के साथ वह मूढा से करीब 2 किलोमीटर दूर जंगल में पहाड़ी पर बांस एकत्रित करने पहुंचा। यहां दोनों के बीच विवाद हुआ जिससे आक्रोशित बिहारी ने पत्नि के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया। कुल्हाड़ी के पहले ही वार से रामरती की मौत हो गई। जिसके के बाद पति ने आसपास से बांस एवं मोटी लकडिय़ां एकत्रित कर उसकी चिता सजाई और पत्नि को आग के हवाले कर दिया।

गहने तक ले गया पति

पत्नी की हत्या कर उसे आग के हवाले करने के बाद बिहारी ने रामरतीबाई का मंगलसूत्र एवं कड़ी भी ले गया, तथा कुल्हाड़ी भी चिता में ही डाल दी। हत्या को अंजाम देने के बाद दोपहर 3 बजे घर पहुंचे आरोपी ने कपड़े, आधार कार्ड, राशन कार्ड एवं जरूरी कागजात लेकर अपने मूल ग्राम मालीपुरा(चिचोली थाना) भाग गया। इधर देर शाम तक बेटी की घर वापसी न होने पर परेशान माता-पिता एवं भाई ने उसको ढूंढना शुरू किया।

चूडी से की शिनाख्त

भाई ने थाने पहुंचकर सूचना दी तो अन्य लोग जंगल में उसे ढूंढने निकल गए। सुबह मूढा के जंगलों में पहाड़ी पर परिजनों ने जलते हुए कंकाल को देखा वहां पड़ी चूड़ी एवं चैन से मृतिका की पहचान की गई। बीजादेही पुलिस को परिजनों ने सूचना दी। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। एफएसएल अधिकारी द्वारा भी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की गई।

पुलिस ने घटना स्थल से कुल्हाड़ी, चैन, चूड़ी भी बरामद की। मामला संज्ञान में आते ही पुलिस आरोपी को ढूंढने मालीपुरा पहुंची। जहां मालीपुरा के सरपंच जो कि आरोपी का भाई है ने भी पुलिस की जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपने छोटे भाई को ढूंढने में मदद की। सीताडोंगरी में बिहारी पुलिस के हत्थे चढ़ गया जहां से उसे 13 मई को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

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