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मौसम के रंग : उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश से कई रास्ते बंद

देश के अधिकांश राज्य जहां भीषण गर्मी से त्रस्त हैं, वही पहाड़ों पर बदल, बिजली, बारिश और बर्फ का जलवा है

 

नैनीताल। भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्वारब क्षेत्र में बारिश में एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर मलबा गिरने से बुधवार की शाम करीब तीन घंटे (शाम चार से सात बजे तक) यातायात बंद रहा। इसके चलते अल्मोड़ा और हल्द्वानी आने-जाने यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

क्वारब निवासी दीवान सिंह की दुकान में बारिश का पानी घुस गया। जिससे दुकान में रखा सामान खराब हो गया। शात सात बजे मलबे को हटाकर यातायात सुचारू किया गण। पहाड़ी से पत्थरों को गिरता देख पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने सड़क को वनवे कर वाहनों को उन्हें आगे के लिए रवाना किया। वहीं क्वारब स्थित कलमठ पर मलबा आने से सड़क क्षतिगस्त हो गई। जिससे वाहन चालकों, यात्रियों और सैलानियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कोश्याकुटौली के एसडीएम बीसी पंत ने बताया कि राजस्व टीम को मौके पर भेजा गया है। फिलहाल किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सड़क पर आए मलबे को जेसीबी से हटाकर यातायात सुचारू किया गया।

भीमताल, भवाली, मुक्तेश्वर, गरमपानी में बुधवार को करीब एक घंटे हुई जोरदार बारिश से भीमताल, भवाली, ओखलकांडा, बेतालघाट, गरमपानी, मुक्तेश्वर, धारी और रामगढ़ क्षेत्र की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। सड़क पर जलभराव होने से व्यापारियों, पैदल राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं एक ही बारिश ने नगर पालिका की पोल खोल कर रख दी।

 

 

व्यापारी धन सिंह राणा ने बताया कि मूसलाधार बारिश से सड़क पर पानी भर गया। इससे दुकानों में पानी घुस गया। साथ ही सड़क पर चलने वाले लोग परेशान रहे। इधर, ओखलकांडा में एक घंटे हुई मूसलाधार बारिश से पुटपड़ी मार्ग पर गधेरा आने से सड़क पर मलबा आ गया। इससे स्थानीय वाहन चालकों को आधे घंटे तक परेशान रहना पड़ा। बाद में बारिश बंद होने के साथ सड़क पर आवाजाही शुरू हुई। मुक्तेश्वर, रामगढ़, धारी, भीमताल, धानाचूली, बेतालघाट के किसानों ने बताया कि बारिश होने से खेतों में लगी फसलों को अच्छी नमी मिली है। इससे फसलों का उत्पादन थोड़ा बढ़ने की उम्मीद है।

बारिश से सुरक्षा दीवार और पोल क्षतिग्रस्त
नौकुचियाताल के अंतिम छोड़ चनौती में बुधवार की शाम बारिश से झील किनारे सड़क की सुरक्षा दीवार और बिजली का पोल क्षतिग्रस्त हो गया। नाव चालक अध्यक्ष दुर्गादत्त पलड़िया ने बताया कि बारिश से सुरक्षा दीवार को नुकसान पहुंचा है। साथ ही बिजली का पोल झील झुक गया है।

उत्तरकाशी और पौड़ी में गरज के साथ मूसलाधार बारिश, दो सड़कें बहीं

उत्तरकाशी। बीरोंखाल विकासखंड के बैजरो क्षेत्र में शाम तीन बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। करीब तीन घंटे की बारिश में नदी-नाले और गदेरे उफना गए। इससे सुकई गांव के समीप बुआखाल-काशीपुर एनएच का 20 मीटर का हिस्सा और बैजरो-पोखड़ा मार्ग का करीब 30 मीटर का हिस्सा बह गया है। दोनाें सड़कें बंद होने से आवागमन ठप हो गया।
लोनिवि एनएच खंड व बैजरो खंड ने सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगा दी हैं। इधर, कुणझोली गांव में बारिश के कारण आए मलबे में एक कार दब गई है। फरसाड़ी में एक बाथरूम बह गया है। कई आवासीय भवनों में मलबा घुस गया है। वहीं भू-कटाव से कई भवनों को खतरा उत्पन्न हो गया है।

बैजरो क्षेत्र में बुधवार सुबह से उमस भरी गर्मी पड़ रही थी। शाम को एकाएक दीवा मंदिर क्षेत्र की पहाड़ियों पर जोरदार गड़गड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। करीब तीन घंटे तक चली बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए। फरसाड़ी गांव के पास पंचराड़ गदेरा उफान पर आने से गांव में कई घरों में मलबा घुस गया।
फरसाड़ी के प्रधान सुरेंद्र सिंह रावत व अरकंडाई के बीडीसी सदस्य मुकेश रावत ने बताया कि कुणझोली गांव के ऊपर बादल फटने जैसी अतिवृष्टि हुई। इससे लोगों में आपदा की आशंका से दशहत बनी रही। पहाड़ी से मलबा आने से मुकेश रावत की कार उसमें दब गई। कुणझोली व फरसाड़ी गांव में मकानों के अंदर मलबा घुस गया। बैजरो-पोखड़ा मार्ग फरसाड़ी के पास पूरी तरह ध्वस्त हो गया।
बुधवार शाम करीब चार बजे हुई मूसलाधार बारिश से चिन्यालीसौड़ प्रखंड के गढ़वालगाड गांव के बौणी तोक में कई आवासीय घरों, आंगन व दुकानों में मलबा घुस गया। घरों की निचली मंजिल में मलबा घुसने से वहां बंधे गाय व भैंस भी फंस गए। जानकारी के अनुसार बुधवार शाम करीब चार बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश करीब पौन घंटे तक जारी रही। बारिश से गढ़वालगाड गांव के बौणी तोक में गांव के धूरत सिंह, बिक्रम सिंह, सूरत सिंह, माघ सिंह, उधम सिंह, चतर सिंह की दुकान व आंगन और मकान की निचली मंजिल में मलबा घुस गया। ग्रामीणों ने मलबा हटाना शुरू कर दिया है। मलबे से गांव में हर घर नल योजना के तहत बने टैक को भी नुकसान पहुंचा है।

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