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बच्चों ने मिट्टी से बनाई शानदार कलाकृतियां, दर्शक अभिभूत

अजमेर। राजस्थान ललित कला अकादमी एवं सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय जागृति मंच के संयुक्त तत्वावधान में चल रही मृण कला कार्यशाला का गुरुवार को समापन हुआ। इस दौरान प्रशिक्षणार्थी स्कूली बच्चों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी को दर्शकों ने खूब सराहा।

राजस्थान ललित कला अकादमी की सदस्य ममता चौहान ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने मिट्टी से कलाकृतियां बनाना सीखा। उन्होंने मृणकला को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के प्रयासों की जानकारी दी। समारोह में प्रतिभागियों द्वारा उकेरी गई कलाकृतियों का प्रदर्शन प्रदर्शनी लगाकर किया गया। कलाकारों की बैठक में कला के क्षेत्र में विकास के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया।

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अतिरिक्त कलक्टर भावना गर्ग ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए। माता-पिता को बच्चों को पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए। बच्चों को मृणकला जैसी अन्य गतिविधियों में भी भाग दिलाना चाहिए। इससे बच्चों का मानसिक विकास भी होता हैं। साथ ही पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करते है।

इस अवसर पर हेमंत भाटी, विजय जैन, कलाविद श्रीराम जयसवाल, त्रिलोक चंद इंदौरा, रजनीश वर्मा, डॉ. सुखविन्दर सिंह, पार्षद सुनीता चौहान, महेश चौहान, मामराज सेन, कलाकार अनुपम भटनागर, डॉ. रितु शिल्पी, प्रशिक्षक कृष्णा प्रजापति एवं नितेश जांगिड़,  इंदू अजमेरा, सुशीला चौहान, विजय लक्ष्मी, बीना टांक, आशा सांखला, रेखा सैनी, उषा चौहान, ध्रुविका सिसोदिया आदि उपस्थित थे।

पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि बच्चे तनाव मुक्त रहकर पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लें। मिट्टी प्रकृति का हिस्सा है। आजकल बच्चों के हाथ में मोबाईल को देखा जाता है। इससे बच्चों में तनाव बढ़ता है। माता पिता व शिक्षकों को उन्हें मृणकला जैसी अन्य गतिविधियों में हिस्सा दिलाना चाहिए।

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