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राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ा हुजूम, राजस्थान मॉडल का हुआ बखान

 

सवाईमाधोपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली जा रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 98वें दिन सुबह राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के भाडोती से शुरु हुई और इसमें जहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा वहीं राज्य में कांग्रेस की गहलोत सरकार की जनकल्याणकारी एवं ऐतिहासिक योजनाओं का बखान किया गया।

भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान में दसवां दिन है और सुबह के सत्र में भाडोती से सुबह करीब छह बजे पदयात्रा शुरू होने के बाद इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों का हुजूम देखने को मिला। यात्रा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कई मंत्री एवं विधायक, पार्टी पदाधिकारियों के अलावा रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डा रघुराम राजन राहुल गांधी के साथ चले। इस दौरान डा राजन क़रीब दस किलोमीटर तक राहुल गांधी के साथ चले।

यात्रा के बामनवास के बाढ़श्यामपुरा टोंड पहुंचने पर पूर्वाह्न 11 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया और कांग्रेस सांसद एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने उसे संबोधित करते हुए बताया कि यात्रा के दौरान डा राजन एवं राहुल गांधी के बीच देश की अर्थव्यवस्था एवं मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर लंबी और गहरी बातचीत हुई। निजी निवेश कैसे बढ़ाया जाए, निर्यात कैसे बढ़ाया जाए, रुपए की गिरती कीमत तथा क्या वाकई भारत की आर्थिक स्थिति उतनी मज़बूत है जितना वित्त मंत्री संसद में दावा करती हैं, जैसे मुद्दों पर विशेष रूप से बात हुई।

 

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प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लोग आज महंगाई से त्रस्त हैं और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भी महंगाई के ख़िलाफ़ है। राजस्थान सरकार ने लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए कई योजनाएं शुरू की है। राजस्थान ने एक के बाद एक अच्छे फैसले किए और ऐतिहासिक योजनाएं बनाई जिनमें मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना तो लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसी तरह इंदिरा रसोई, उड़ान आदि कई ऐसी योजनाएं बनाई जाे पूरे देश में कही नहीं हैं।

किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका कर्ज़ा तो माफ हुआ ही है, इसके अलावा किसान मित्र ऊर्जा योजना के तहत करीब आठ लाख किसानों का बिजली बिल जीरो आया है। गहलोत ने कोरोना पीड़ित परिवारों को दिए गए पैकेज का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि राज्य के छह लाख अनाथ बच्चों को भी ढाई हजार रुपया प्रतिमाह दिया जा रहा है। पांच साल तक संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थाई करने का प्रावधान भी किया गया है।

इन योजनाओं का ज़िक्र करते हुए अशोक गहलोत ने दावा किया कि अगले साल होने वाले चुनाव में इन कामों के आधार पर ही कांग्रेस फिर से सत्ता में वापस आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान का जो मॉडल तैयार किया गया है वैसा देश में कहीं नहीं है। राजस्थान में हमने गत चार सालों में ऐसे काम किए हैं जो अब तक किसी राज्य में नहीं हुए। गुजरात मॉडल की बात होती है लेकिन यदि आप गुजरात जाएं तो आपको पता चलेगा कि वहां कोई मॉडल ही नहीं है, सिर्फ मोदीजी की मार्केटिंग है।

 

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था, लेकिन वे अब मुकर रहे हैं। राजस्थान से केंद्र में मंत्री भी इसे लेकर सिर्फ़ बयान दे रहे हैं, कोई कदम नहीं उठा पा रहे हैं। लेकिन हम इस परियोजना को रुकने नहीं देंगे। थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन इसे पूरा किया जाएगा।

रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे गैर भाजपा दलों के साथ भेदभाव नहीं करते। लेकिन पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट एक मिसाल है कि वह जो कहते हैं उसे नहीं करते। प्रधानमंत्री ने ख़ुद इसे दो बार राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था। राजस्थान से राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया लेकिन प्रधानमंत्री अब अपने वादे से मुकर रहे हैं।

 

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जब से यात्रा राजस्थान में प्रवेश हुई है, सुबह छह बजे से लेकर जब तक यात्रा समाप्त नहीं हो जाती, हजारों लोग राहुल गांधी के साथ चल रहे हैं। उन्हें सभी अपनी-अपनी समस्याएं बता रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि हमें दो करोड़ रोजगार देने के नाम पर ठगा गया। किसानों की आय दोगुनी करने के नाम पर ठगा गया। हमें लोकतंत्र को मज़बूत करने के नाम पर ठगा गया। हमने सोचा था कि प्रधानमंत्री काम की बात करेंगे लेकिन उन्होंने सिर्फ़ आठ सालों में मन की बात की है और लोकतंत्र को कमज़ोर किया है।

डोटासरा ने कहा कि जिस तरह स्वतंत्रता आंदोलन के समय महात्मा गांधी की यात्राओं को याद किया जाता है उसी तरह राहुल गांधी की यात्राओं को भी याद किया जाएगा। वह लोगों की समस्याओं को अपनी समस्या मानकर और उनकी आवाज बन कर निकले हैं। हम सभी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।

दोपहर में राहुल गांधी ने श्रम एवं रोजगार के मुद्दों पर श्रमिकों और कई यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। इनमें राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन, अरावली निर्माण संघ,पत्थर घड़ाई मजदूर सुरक्षा संघ, उजाला महिला संगठन, आदिवासी अधिकार मंच, सूचना रोजगार अधिकार अभियान, नेशनल हॉकर्स फेडरेशन, मजदूर किसान शक्ति संगठन, इंडियन फेडरेशन फॉर एप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स, अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ, अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ तथा कुछ अन्य श्रमिक भी शामिल थे।

बातचीत के दौरान इन संगठनों ने राजस्थान सरकार की जनहित वाली नीतियों की सराहना करते हुए राहुल गांधी के समक्ष कुछ मांगें रखीं। राहुल ने उनकी बातें ध्यान से सुनी और साथ बैठे मुख्यमंत्री से उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने सभी को विश्वास दिलाया कि जिन समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सकता है उन्हें तत्काल प्रभाव से किया जाएगा। बाकी के जो मुद्दे संज्ञान में आए हैं उन्हें दो महीने बाद पेश होने वाले बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।

बातचीत के दौरान जब ओला, उबर, स्विगी जैसे ऐप के माध्यम से काम कर रहे श्रमिकों के सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का मुद्दा उठा तब मुख्यमंत्री ने बताया कि इनके लिए राजस्थान सरकार एक ऐप बना रही है। इसके माध्यम से उनके लिए तमाम तरह की सुविधाएं सुनिश्चित की जायेगी और कंपनियां इन पर अत्याचार न कर पाए इसका भी ख्याल रखा जाएगा।

यात्रा के शाम के सत्र में यात्रियों के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोग खड़े थे। शाम में मुख्य रूप से चिटफंड विक्टिम्स का प्रतिनिधित्व करते हुए ऑल इन्वेस्टर्स सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि और राजस्थान के अल्पसंख्यकों का एक समूह भी राहुल गांधी के साथ चला।

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