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वनस्पति और पेड़ पौधों के रस से असाध्य रोगों का इलाज संभव

नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन :
बड़ी संख्या में लोगों ने दिखाई इलैक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति में रुचि

जयपुर। श्री अग्रवाल वैश्य समाज समिति ट्रस्ट, गीजगढ विहार एवं सेठिया एज्युकेशन एण्ड रिसर्च सोसायटी के सहयोग से शनिवार को श्री अग्रसेन भवन, हवा सड़क सोडाला पर नि:शुल्क इलैक्ट्रोपैथी चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्धाटन राज्य के पूर्व चिकित्सा मंत्री व मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ ने प्रात: प्रात: 9 बजे किया। चिकित्सा शिविर में पथरी, जोड़ों का दर्द, चर्म रोग, लीवर रोग, खून की कमी, पाइल्स, यूटेराईन फाइब्रोइड़, ओवेरियन सिस्ट, एलर्जी आदि के रोगियों की नि:शुल्क जांच की गई और मुफ्त दवाएं उपलब्ध करवाई गईं। शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।


चिकित्सा शिविर के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि कालीचरण सराफ ने कहा कि यह चिकित्सा की सबसे प्राचीन तकनीक है। प्राचीन भारत में इसी तकनीक से वैद्य, साधु महात्मा, घर के बड़े बुजुर्ग अपने अनुभव और ज्ञान से इसी पद्धति से रोगियों का इलाज करते थे। राजे-महाराजे तक भी इसी पद्धति से इलाज करवाते थे।

 

प्राचीन भारत की चिकित्सा पद्धति बहुत समृद्ध मानी जाती थी। अब इस चिकित्सा पद्धति के पुनरुत्थान की आवश्यकता है। सराफ ने कहा कि 6 साल पहले आज ही के दिन 9 मार्च को मैंने विधानसभा में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा का बिन पेश किया था जिस पर एक्ट पारित किया गया था। अब इस पद्धति के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि लोकसभा चुनाव के बाद वो अपने क्षेत्र के सभी वार्डों में इसी प्रकार इलैक्ट्रोपैथी चिकित्सा के नि:शुल्क शिविर लगवाएंगे।

इस मौके पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद, जयपुर के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया ने बताया कि अभी तक इस चिकित्सा पद्धति में 144 तरह के पेड़-पौधों और वनस्पतियों के रस से दवाईयों का निर्माण किया जा रहा है। लगातार जारी रिसर्च से इस सूची में नई-नई वनस्पतियां और पेड़-पौधे जुड़ रहे हैं जिससे ऐसे असाध्य रोगों का भी उपचार संभव है जिनका अन्य चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि, इस पद्धति से अनेक सर्जरी जन्य रोगों का भी बिना सर्जरी सफल उपचार संभव है।


शिविर में दामोदरदास मोदी, सूरजमल गुप्ता, डॉ. एस.डी.गुप्ता (सीए), अशोक मित्तल (बम्बईवाला), कैलाश अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल, राकेश खोरिया आदि गणमान्य लोगों ने शिरकत कर व्यवस्थाओं में लगे कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया।

इलेक्ट्रिक झटके या वाइब्रेशन का प्रयोग नहीं होता

इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष नवल बगड़िया ने बताया कि नाम से ऐसा लग रहा था कि इस पद्धति में कोई इलेक्ट्रिक झटके या वाइब्रेशन का प्रयोग किया जाता हो। लेकिन इस चिकित्सा शिविर के आयोजन से पता पता चला कि यह पद्धति तो प्राचीन भारतीय ज्ञान से संबंधित है। इस शिविर से जहां अनेक रोगियों को लाभ मिलेगा वहीं इस पद्धति के प्रति लोगों के मन की भ्रांतियां भी दूर होंगी।

 

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ट्रस्ट के महामंत्री दिनेश गर्ग ने बताया कि इस शिविर में इलैक्ट्रोपैथ डॉ. हेमंत सेठिया, डॉ. कुलदीप कुमार, डॉ. रमेश कुमार सैनी, डॉ. पूजा कसेरा आदि ने मरीजों की नि:शुल्क जांच की और मुफ्त सलाह दी।

 

गर्ग ने बताया कि मुख्य अतिथि कालीचरण सराफ, इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद, जयपुर के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया व सभी चिकित्सकों का समाज की ओर से मोमेन्टो देकर हार्दिक आभार जताया गया। शिविर में आने वाले सभी रोगियों को 15 दिन से लेकर एक माह तक की मुफ्त दवाईयों का वितरण किया गया।

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