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Tag Archives: Bhanwar lal jyotishi

पासे ऊपर वाला डाले, उसके खेल वो ही जाने

न्यूज नजर : इस जगत में कब, क्या, क्यों और कैसे होगा इसकी थाह पाना नामुमकिन होता है। भले ही ज्ञान, विज्ञान, कला और विद्या अपने अपने अनुमानों से इसकी पूर्व घोषणा कर दे। अगर ऐसा संभव होता तो इस जगत में कोई हादसा ना होता और ना ही कोई …

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आत्मा व शरीर के मिलन से पैदा होता है मन और फिर मनमानी

न्यूज नजर : प्रकृति पंच महाभूतों का मंथन करके शरीर रूपी कलश का निर्माण करती है और उसमें आत्मा रूपी अमृत डाल कर शरीर को चेतन कर देती है। आत्मा व शरीर के मिलन से मन उत्पन्न होता है और मन अपनी जन्मजात वृत्तियों से शरीर का संचालन करने लग …

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देव कोई वाणी नहीं करता, भविष्यवाणी ग्रहों के अनुमान हैं

  न्यूज नजर : देव अर्थात एक अदृश्य शक्ति जो प्रकृति को अपनी इच्छा के अनुसार चलाती है। जिसका रंग रूप आकार प्रकार किसी को दिखाई नही देता है। वो कब क्या करेगी इस की कोई वाणी नहीं होती। यह जमीनी स्तर का सत्य है। निश्चित ऋतु चक्र में भी …

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कालचक्र ने सभी के पांव उखाड़ दिए, चाहे हो सूरमा

न्यूज नजर : काल चक्र ने बिना भेदभाव किए सभी को धराशायी कर दिया। चाहें वह दुनिया का शहंशाह रहा हो या फकीर। उनके भी पांव उखड़ गए जो किसी भी शक्ति के सूरमा ही क्यो ना रहे हों।   इस जगत में आकर प्राणी अपने चंद स्वार्थो की पूर्ति के …

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जीत का हकदार आखिर कौन…?

न्यूज नजर : संस्कृति के सागर में मर्यादा और अमर्यादा दोनों ही उलझ पड़ी। दोनों ही अपनी-अपनी विशेषता के तराने ढोल नगाड़े और शहनाइयों की गूँज में सुनाने लगी। दोनों ने ही दमदारी दिखाई और कम नहीं पड़ी। क्योंकि दोनों ही बुद्धि की फसलें थी। मर्यादा की फसल पर अमर्यादा के …

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सोने के आभूषण जब शरीर काटने लगे…

  न्यूज नजर : सोने के आभूषण जब शरीर के अंगों को काटने लग जाते हैं तो उनको त्याग देना ही हितकर होता है अन्यथा ये आभूषण व्यक्ति की हैसियत बढा कर उसके अंगों को नासूर बना देंगे और उन नासूर को भरने के लिए आखिर सोने के आभूषणों को …

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सातू बहनें : आद्याशक्ति के सात रूप, कई नाम, कई शक्तिपीठ

  न्यूज नजर : आद्याशक्ति के सात रूपों को एक सामूहिक शक्ति के रूप में पूजा जाता है।  जल के किनारों पर इन्हें अच्छे स्वास्थ्य पारिवारिक सुख शांति और समृद्धि व विकास के लिए आदि काल से पूजा जाता है। देश विदेश और हर स्थान पर इनके उपासना स्थल है …

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और घणा ही आवसी इन दुनिया के माय, सदा हंस ही याद किए जाएंगे बगुले नहीं

    न्यूज नजर : कुदरत ने अंतिम विकल्प के रूप में किसी को भी उत्पन्न नहीं किया और ना ही एक व्यक्ति को ही सर्व गुण संपन्न रखा। हर व्यक्ति वस्तु स्थान को कई गुणों से भरा तो उसमें उन कमियों को भी छोड़ दिया जो सदा बिना जबाब …

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