निवेदन : यह लेख स्वयं पढऩे के साथ ही ज्यादा से ज्यादा समाजबंधुओं को भी पढ़ाएं।
नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। आज से तकरीबन तीन साल पहले की वास्तविक घटना है। अजमेर की पत्रकार कॉलोनी में जब मैं मकान बनाने की तैयारी कर रहा था। वहां पहले से निवास कर रहे मेरे एक वरिष्ठ साथी पत्रकार याद हुसैन कुरैशी ने बातों ही बातों में मजाक किया कि दर्जी तो कैंची लेकर काटना ही जानता है। मेरे अंतरमन से तुरंत जवाब निकला दर्जी सूई से जोड़ता भी है। जवाब सुनकर उन्होंने मन से दाद दी। यह वाकिया बताने का सिर्फ इतना मकसद है कि सूई, कैंची और सिलाई मशीन ये ही हमारे कर्म साधन हैं।
सिलाई हमारे समाज का मूल पेशा है। आज आधुनिक युग में ज्यादातर समाजबंधु भले ही यह पेशा छोड़ चुके हों लेकिन उनके पूर्वज जरूर इस पेशे से जुड़े रहे होंगे।
नामदेव समाज के अधिकांश घरों में एक सिलाई मशीन अवश्य मिलेगी। हमें गर्व है हमारे पेशे…समाज और नामदेव होने की पहचान पर।
सिलाई मशीन का चित्र निमंत्रण पत्र पर
समाजबंधुओं से यह जानकारी साझा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि विवाह निमंत्रण पत्र में गणेशजी, नामदेव महाराज व विट्ठल भगवान के चित्र तो आपने देखे होंगे लेकिन हाल ही शिम्पी समाज का एक ऐसा विवाह निमंत्रण पत्र देखने को मिला जिसमें सिलाई मशीन का चित्र भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।…है ना हमारे लिए गर्व की बात।
वक्त के साथ बदलते रूप
सिलाई मशीन ने समय के साथ अपना रूप बदला। हाल ही सोशल मीडिया पर सिलाई मशीनों के विभिन्न रूपों-मॉडल के फोटो शेयर हुए।