बता दें कि पदाधिकारियों ने मंदिर निर्माण के निमित्त भगवान रामलला को पहले ही अस्थाई मंदिर में शिफ्ट करवा दिया था। इसके बाद ही एक नई बात का खुलासा हुआ है कि रामलला के गर्भगृह में पिछले काफी दिनों से हनुमान जी की खंडित मूर्ति की पूजा की जा रही थी, जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सही नहीं है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि किसी भी खंडित प्रतिमा की पूजा नहीं करनी चाहिए।
रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि काफी लंबे समय से 1 फुट की हनुमान जी की मूर्ति खंडित थी। जिसकी पूजा अर्चना हो रही थी। रामलला को नया अस्थाई मंदिर में शिफ्ट करने के दरमियान रामलला के पुजारियों ने इसकी सूचना ट्रस्ट के पदाधिकारियों को दी और ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने हनुमान की खंडित प्रतिमा को सरयू नदी में विसर्जित करते हुए दूसरी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा रामलला के गर्भ गृह में कराई है। अब हनुमान जी की दूसरी प्रतिमा भगवान राम लला के गर्भगृह में विराजमान है।