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जिंदा है इंसानियत : चलती ट्रेन में बीमार शिशु तक लोगों ने पहुंचाई ऑक्सीजन

भोपाल। एक्सप्रेस ट्रेन में नागपुर से दिल्ली इलाज के लिए ले जाये जा रहे गंभीर रूप से बीमार 26 दिन के एक बच्चे को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ने की जानकारी मिलने पर भोपाल के कई निवासी उसकी मदद करने के लिए आगे आये और आधी रात को उसे ट्रेन में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए। इससे साबित होता है कि इंसानियत अभी जिंदा है।

इन लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट पढ़ा था कि ट्रेन से यात्रा के दौरान इस बच्चे के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है और शुक्रवार तड़के कई लोग ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंच गए।

इस बच्चे के माता-पिता ने उसको बचाने के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लोगों को धन्यवाद दिया है। इस बच्चे को दिल की बीमारी है और चिकित्सकों ने बताया है कि बच्चे के दिल का वॉल्व खराब है।

बच्चे की मां निकिता ने बताया, ‘‘हमने भोपाल के निवासियों से तीन सिलेंडर लिए। वहां के लोग बहुत मददगार हैं।’’

दिल का वॉल्व खराब

निकिता (25)ने बताया कि नागपुर के चिकित्सकों ने उन्हें जानकारी दी कि उनके इकलौते बच्चे के दिल में मौजूद खराब वॉल्व को ठीक करने के लिए जल्द से जल्द ऑपरेशन की आवश्यकता है और हमें उसे नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)ले जाने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मदद से हमें बृहस्पतिवार को बिलासपुर-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (12411) में तुरंत एक सीट मिल गई। उनका भी धन्यवाद। हमने अपने बच्चे के साथ रात 8.30 बजे यात्रा शुरू की, लेकिन रास्ते में हमें एहसास हुआ कि ऑक्सीजन सिलेंडरों का स्टॉक कम होने लगा है।’’
बच्चे के परिवार के एक परिचित ने बताया कि निकिता के पति प्रवीण ने तब नागपुर में अपने एक दोस्त खुशरू योचा से संपर्क किया और मदद मांगी।

उन्होंने बताया कि भोपाल में कुछ सामाजिक संगठनों को फोन करने के अलावा, योचा ने रेलवे अधिकारियों को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन की आवश्यकता के संबंध में पोस्ट किया।

उन्होंने कहा कि योचा ने भोपाल के पूर्व मंडल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर से भी मदद के लिए संपर्क किया। बोरवणकर ने आधे घंटे के भीतर प्रवीण को फोन किया और उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें भोपाल रेलवे स्टेशन पर ऑक्सीजन सिलेंडर मिलेगा।

इस बीच, सोशल मीडिया पर मदद के लिए किया गया पोस्ट भी वायरल हो गया और कई लोग मदद के लिए दौड़े चले आये।

जब यह ट्रेन बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात दो बजे भोपाल रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तो इस दंपति एवं बच्चे की मदद करने के लिए सामाजिक संगठनों के लोग, मुसीबत में लोगों की मदद करने वाले व्यक्ति, रेलवे और राजस्व विभाग के अधिकारी कई ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर भोपाल रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे।

बच्चे की मां ने कहा कि कई संगठन ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर स्टेशन पहुंचे, लेकिन हमने केवल तीन सिलेंडर लिए। बच्चा अब दिल्ली स्थित एम्स में पहुंच चुका है और उसकी जांच की जा रही है।

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