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प्लीज, जंगलराज को रामराज्य मत कहिए !


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव बलात्कार कांड ने तो भाजपा के रामराज्य को बदनाम कर दिया है। एक बाहुबली भाजपा विधायक के आगे सरकार, अफसरशाही और पूरा लोकतंत्र नतमस्तक है। आठ साल पहले तत्कालीन एएसपी को गोली मारने के मामले में पुलिस इस विधायक के भाई का कुछ नहीं उखाड़ सकी तो अब एक बेबस लड़की की लूटी इज्जत और पिता की हत्या का दंड क्या खाक दिलाएगी। सूबे के मुखिया खुद को भले ही साधू कहें लेकिन जनप्रतिनिधि के नाम पर गुंडे पालना उनके सारे पूजा पाठ पर पानी फेर रहा है।

बांगरमऊ से भारतीय जनता पार्टी का विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उसका भाई गैंगरेप के आरोपी है। भाई पर एएसपी को गोली मारने का आरोप है। उसे गिरफ्तार किया गया लेकिन तब जल्दी ही उसकी जमानत हो गई। इसके बाद गोलीकांड की फाइल ही गायब हो गई।
अब गैंगरेप कांड में भी ऐसा ही नजर आ रहा है। दो साल पहले रेप का मामला दर्ज हुआ तो पीड़ित के पिता-चाचा पर जुल्म होने लगा।

पिछले दिनों उसके पिता की बेरहमी से पिटाई की और गुलाम पुलिस से उलटा उसे ही अरेस्ट करा दिया। लड़की ने सीएम योगी के आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया तब मीडिया में मामला उछला। इधर, पिटाई के दौरान घातक चोटों के कारण पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत हो गई। देशभर में थू-थू होने के बाद जाकर योगी सरकार ने अपने विधायक के भाई को अरेस्ट कराया लेकिन विधायक को अभयदान देने का बंदोबस्त कर दिया।गुरुवार को यूपी पुलिस ने साफ कर दिया कि जब तक सीबीआई जांच पूरी नहीं होती, तब तक विधायक महोदय को गिरफ्तार नहीं करेगी।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह व प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) के मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में कहा कि पुलिस अभी सीबीआई जांच तक उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी नहीं करेगी। गैंगरेप मामले में विधायक सेंगर का पक्ष भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस विधायक को गिरफ्तार नहीं करेगी। जब तक सीबीआई पूरे मामले को टेकओवर नही करती तब तक पुलिस अपनी कार्रवाई जारी रखेगी। ओपी सिंह तथा अरविंद कुमार ने तर्क दिया कि बलात्कार मामले में कोर्ट के बयान में पीडि़ता ने विधायक सेंगर का नाम नहीं लिया था। इस कारण प्रदेश पुलिस उनकी गिरफ्तारी नहीं करेगी।

 

उन्होंने बताया कि पुलिस ने दर्ज मामलों के आधार पर कार्रवाई की है और अब इस मामले की विवेचना के लिए सीबीआई को केस सौंपा जा रहा है। आगे की कार्रवाई सीबीआई गुण-दोष के आधार पर करेगी। विधायक सेंगर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। विधायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366 (अपहरण कर शादी के लिए दवाब डालना), 376 (बलात्कार), 506 (धमकाना) और पॉस्‍को एक्‍ट के तहत मामला दर्ज किया है।

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