मथुरा। सोशल मीडिया ने एक बिछड़ी बच्ची को चंद घंटों में ही उसके माता-पिता से मिला दिया। मथुरा से दिल्ली जा रहे एक दम्पती की चार वर्षीय बेटी होडल रेलवे स्टेशन पर ही छूट गई जबकि माता-पिता टे्रन में जा चुके थे। सोशल मीडिया और रेल मंत्रालय की कोशिश से बच्ची वापस माता-पिता को मिल गई।
रेलवे पुलिस बल के इंस्पेक्टर सीबी प्रसाद ने बताया कि मंगलवार को महोबा निवासी मनोज कुमार पत्नी और बच्चों के साथ निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के लिए मथुरा से किसी टे्रन में बैठे थे। रास्ते में टीटीई ने उन्हें बताया कि यह टे्रन निजामुद्दीन न जाकर सीधे नई दिल्ली स्टेशन जाएगी।
इस पर पति-पत्नी ने होडल स्टेशन पर ही उतरना तय कर लिया। लेकिन टे्रन में काफी भीड़ होने के कारण वे दोनों उतर नहीं पाए। किंतु, इस बीच उनकी चार वर्षीय बेटी अंजू उतर गई। टे्रन के रफ्तार पकडऩे पर उन्हें अहसास हुआ कि बेटी संभवत स्टेशन पर उतर गई है।
यह सोचकर वे दोनों रोने लगे। एक महिला सहयात्री ने जब उनकी समस्या सुनी तो उन्हें ढाढस बंधाया और तुरंत रेल मंत्रालय को ट्विटर के माध्यम से मनोज का मोबाइल नंबर और पूर्ण विवरण सहित मथुरा से होडल के बीच बच्ची के गुम हो जाने का मैसेज देकर मदद मांगी। रेल मंत्रालय ने तुरत संज्ञान लेते हुए मण्डल कार्यालय को सूचना दे दी। इस पर रास्ते के सभी स्टेशनों को अलर्ट जारी हो गया। खोजबीन शुरू हो गई। जल्द ही परिणाम भी मिल गया। कु ही पलों में उम्मीद भरा संदेश आ गया। होडल सर्च टीम को एक बच्ची स्टेशन पर रोती हुई मिल गई। उससे बातचीत में पुष्टि हो गई कि वह वही बच्ची है जिसकी खोज की जा रही थी। उसे कोसीकलां स्टेशन पहुंचा दिया गया जहां उसके माता-पिता भी आ गए और बच्ची को पाकर बेहद खुश हुए।
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