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आज देश हार गया सबसे बड़ी अदालत में!

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निर्भया के माता-पिता बोले, देश में महिलाओं को नहीं मिल सकता इंसाफ  
नई दिल्ली। निर्भया कांड के दोषी की रिहाई पर रोक से लगाने सम्बन्धी दिल्ली महिला आयोग की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। उच्चतम न्यायालय के फैसले से निराश निर्भया के माता-पिता का कहना है कि इस देश में किसी महिला को इंसाफ नहीं मिल सकता क्योंकि अदालत को पीडि़त से ज्यादा अपराधी की चिंता है।
उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को निर्भया की मां ने कहा कि मुझे पता था कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली महिला आयोग की याचिका को खारिज कर देगा क्योंकि कोर्ट ने 2014 में इसी मामले में उनकी याचिका भी ख़ारिज कर दी थी। नाबालिग अपराधी को रिहा करके सभी अदालतें इस प्रकार के जघन्य अपराधों को बढ़ावा दे रही हैं। इसके साथ ही कोर्ट के फैसले ने सभी नाबालिगों को अपराध करने का प्रमाण पत्र दे दिया है क्योंकि उन्हें सजा देने के लिए देश में कोई कानून नहीं है। इसलिए वह कोई भी अपराध कर सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि अदालत को पीडि़त से ज्यादा अपराधी की चिंता है। इस देश की महिला को हमेशा धोखा ही मिला है। किसी को भी महिला सुरक्षा की चिंता नहीं है और न ही कभी होगी। हमारे देश में महिलाओं को न्याय नहीं मिलेगा क्योंकि कानून में कोई बदलाव ही नहीं होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से वह हतोत्साहित नहीं हुई हैं और वह किशोर न्याय संशोधन विधेयक में बदलाव लाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगी।

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
निर्भया कांड के छठे नाबालिग आरोपी को रिहा करने के विरोध और किशोर न्याय संशोधन विधेयक में बदलाव लाने की मांग को लेकर निर्भया के माता-पिता सहित हजारों लोगों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जमकर धरना-प्रदर्शन किया।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि किशोर न्याय संशोधन विधेयक में जल्द से जल्द बदलाव किए जाने चाहिए ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके। निर्भया के माता-पिता का कहना है कि जब तक कानून मे बदलाव नहीं हो जाते, तब तक वह प्रदर्शन करते रहेंगे।

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