पटना। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान के जनक जिन्ना की तस्वीर लगाने से मचे हंगामे के बीच जमुई जिला प्रशासन ने लापरवाही की हद कर दी। जिला जल एवं स्वच्छता समिति ने अपने स्वच्छता अभियान का ब्रांड एम्बेसडर एक पाकिस्तानी बच्ची को बना दिया।
अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मामले की जांच जमुई के जिलाधिकारी को सौंपी गई है। खास बात यह भी है कि इस तस्वीर को छापने की स्वीकृति जमुई के तत्कालीन जिलाधिकारी ने दी थी।
यूं हुई गड़बड़
समिति ने ‘स्वच्छ जमुई स्वस्थ जमुई’ की परिकल्पना के तहत प्रचार-प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम चला रखे हैं। इसके तहत बच्चों को बांटने के लिए कुंजी के साथ कॉपियां भी छपवाई गई। इसकी छपाई का ठेका पटना की प्रिंटिंग प्रेस सुप्रभ इंटरप्राइजेज को दिया गया।
प्रेस ने इंटरनेट पर यूनिसेफ की वेबसाइट से एक बच्ची का फोटो चुराया और कुंजी व कॉपियों पर छाप दिया।यह फ़ोटो पाकिस्तानी छात्रा का था।
प्रेस के प्रोपराइटर
शैलेश कुमार ने बताया कि प्रिंटिंग से पहले स्वीकृति के लिए समिति को भेजा गया था जहां से मंजूरी के बाद छपाई की गई है उसने बताया कि समिति ने 5 हजार कुंजी और 5 हजार नोटबुक छापने का ऑर्डर दिया था। 4 लाख 80 हजार रुपये कुंजी और 78,400 रुपये नोटबुक की छपाई का भुगतान हुआ है।
स्वच्छता समिति के जिला समन्वयक सुधीर कुमार ने बताया कि समिति के अध्यक्ष तत्कालीन डीएम कौशल किशोर ने नोटबुक प्रकाशन की स्वीकृति दी थी। बाद में बच्ची की फोटो का खुलासा होते ही सरकार में हड़कम्प मच गया।